प्रियांशु के साथ शाकिब रहमान समस्तीपुर बिहार
किशोर ने कहा, “हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, ताकि बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें। इसके बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे। ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी, इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी से सकते हैं।प्रशांत किशोर ने बिहार की नई महागठबंधन सरकार को बधाई देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा की नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी देने का वादा किया है, अगर ये सरकार ऐसा करती है तो मैं अपने इस पूरे अभियान को वापस ले लूंगा और नीतीश कुमार का समर्थन करूंगा। महागठबंधन की स्थिरता पर संदेह जाहिर करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि 7 दलों का ये महागठबंधन अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक चलेगा। उन्होंने कहा संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।