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बिहारसमस्तीपुर

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर खेत जल/ जल जीवन हरियाली एवं वृक्षारोपण को लेकर बैठक

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार

समस्तीपुर :बैठक में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला राजस्व प्रभारी पदाधिकारी, नगर आयुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान, सहायक निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, डीपीएम जीविका, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई, डीपीओ मनरेगा,सिविल सर्जन, कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन, एवं जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा आवश्यक निर्देश दिए गए:
वृक्षारोपण
1. 9 अगस्त को पृथ्वी दिवस के अवसर पर सभी प्रखंडों के नोडल पदाधिकारी को अपने 500000 (पांच लाख) पौधा लगाने के लक्ष्य को पूर्ण कर अपनी उपलब्धि प्राप्त करने का निर्देश डीपीओ मनरेगा एवं सभी उपस्थित पदाधिकारियों को दिया गया।

2. जिले के अवस्थित सभी प्रखंडों के उन्नतिशील किसानों/समन्वयको एवं मनरेगा के अधिकारियों के साथ पौधारोपण हेतु एक कार्यशाला कराने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया। नीम, बरगद, पीपल लगाने हेतु एवं पोखर के किनारे जामुन का पौधा लगाने हेतु निर्देशित करेंगे एवं इसकी विशेषता को कार्यशाला के माध्यम से साझा करेंगे।

3. सभी सरकारी विभाग यथा- टेक्निकल डिपार्टमेंट/आंगनवाड़ी सेविका/पंचायती विभाग/कृषि विभाग/उद्यान विभाग/वन प्रमंडल विभाग/जीविका/मनरेगा इत्यादि विभागों को समरी शीट के आधार पर अपने-अपने विभाग के लक्ष्य पूर्ति हेतु पौधारोपण का लक्ष्य 9 अगस्त 2022 तक पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया।

4. सभी सरकारी विद्यालयों व प्राइवेट विद्यालयों के कैंपस/ सरकारी ऑफिस के कैंपस/कैनाल/ भवन विभाग के द्वारा बनाए गए भवनों के पास की बची खाली जमीन/ नगर निगम अंतर्गत सड़कों के किनारे इत्यादि जगहों पर समरी शीट बनाकर पौधारोपण करवाने हेतु सभी संबंधित विभाग के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया एवं अपनी उपलब्धि को शत प्रतिशत पूर्ण करने हेतु भी निर्देशित किया गया।

अमृत सरोवर
5. राज्य सरकार का समस्तीपुर जिले को 77 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें 45 स्थलों पर कार्य चल रहा है एवं कार्य प्रगति पर है। वैसे कुल 83 तालाब जिले में अमृत सरोवर बनने हेतु चिन्हित किए गए हैं। जिसमें 21 अमृत सरोवर तालाबों का कार्य पूर्ण रूपेन 15 अगस्त 2022 तक कंप्लीट कर लिया जाएगा। डीपीओ मनरेगा द्वारा बतलाया गया।
6. अमृत सरोवर बनने वाले तालाबों के चारों तरफ नीम,बरगद,पीपल एवं जामुन का पेड़ लगवाने का निर्देश डीपीओ मनरेगा को दिया गया।

हर खेत सिंचाई
7. कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई द्वारा बताया गया कि जिले के कुल 6270 हेक्टेयर भूमि के सिंचाई हेतु 754 नए नलकूप लगाकर, सिंचाई योजना से पूर्णत: सिंचाई का कार्य कराया जाएगा। जिससे 6000 हेक्टेयर भूमि का सिंचाई हो पाना संभव हो पाएगा।
उदवह सिंचाई योजना से 70 हेक्टेयर भूमि का सिंचाई किया जाएगा।
आहर योजना अंतर्गत 200 हेक्टेयर भूमि का सिंचाई किया जाएगा।
इस प्रकार कुल 6270 हेक्टेयर भूमि का सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग के कार्य योजना अंतर्गत किया जाना है।
8. उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में सभी मुखिया जी का एक बैठक (टाइम लिमिट के साथ) सिंचाई योजना में कार्य हेतु कराने का निर्देश कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई समस्तीपुर को दिया गया।
9. सहायक निदेशक उद्यान द्वारा बताया गया कि 6.25 एकड़ जमीन जो कि पांच अलग-अलग किसानों की होगी का समूह बनाकर सामुदायिक नलकूप योजना के तहत उद्यान कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। उन्हें सत प्रतिशत सब्सिडी के तहत सिंचाई प्रबंधन हेतु नलकूप लगाया जाएगा। जोकि विद्युत संचालित होगी। विद्युत खर्च किसानों को स्वयं अपने खर्च से वहन करना होगा। इसके लिए अब तक 58 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं। यह योजना शत-प्रतिशत फ्री में लगाया जाना है। जिलाधिकारी द्वारा इसे गांव में प्रचारित करने का निर्देश डीपीएम जीविका को दिया गया।

जल जीवन हरियाली
10. सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु अब तक 16 लंबित मामले हैं, जिससे अंचलाधिकारी को प्रेषित कर पेंडेंसी खत्म करने का निर्देश डीपीओ मनरेगा को दिया गया।
11. सार्वजनिक कुआं को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश डीपीओ मनरेगा को दिया गया।
12. सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार हेतु जिले में अवस्थित तालाब पोखर 5 एकड़ से अधिक वाले की संख्या 67 है।
5 एकड़ से कम संख्या वाला तालाब जिले में 1690 है।
13. सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर उसका जीर्णोद्धार कराने का निर्देश डीपीओ मनरेगा को दिया गया।
14. सार्वजनिक कुओं/चापाकलो के किनारे सोख्ता/ रिचार्ज/अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण, हेतु सभी संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया गया।

15. पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि 42,000 चापाकल जिले में फंग्शनल है।
50 नए चापाकल इस साल गारे गए हैं।
सार्वजनिक कुआं की संख्या जिले में 4940 है।
सार्वजनिक नलकूपों की संख्या जिले में 437 है।
शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक चापाकल की संख्या 886 है।
शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक कुआं की संख्या 162 है।
16. नए जल स्रोतों का सृजन (2019_20) कार्य प्रारंभ के विरुद्ध कार्य पूर्णता का प्रतिशत जिले का शत प्रतिशत पाया गया।

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