बिक्रमगंज(रोहतास)/Etv News 24/शनिवार को केवीके बिक्रमगंज में गाजर घास जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया । जिस आयोजन को लेकर प्रभारी वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने बताया कि गाजर घास जिसे “पार्थेनियम” भी कहा जाता है । इसके उन्मूलन हेतु कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास द्वारा गांव परसा प्रखंड बिक्रमगंज में कार्यक्रम चलाया गया । प्रभारी वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आर के जलज ने बताया कि गाजर घास जानवरों एवं मानव दोनों के लिए काफी नुकसानदेह होते हैं । इसके संपर्क में आने से जानवरों को त्वचा संबंधित कई बीमारियां हो जाती हैं । जानवरों द्वारा खा लेने पर इसके विषाक्त पदार्थ दूध में भी आ जाते हैं । यह अपने आसपास किसी भी दूसरे पौधों को पनपने नहीं देता है । एक पौधे के बीज से लाखों बीज उत्पन्न हो जाते हैं, जो हवा के सहारे काफी दूर तक फैल जाते हैं । इसका उन्मूलन बेहद आवश्यक है । साधारणतया यह पौधा वैसे जगहों पर पाया जाता है, जो खेती हेतु इस्तेमाल में नहीं लाया जा रहा है । सड़क एवं रेलवे पटरी के किनारे बहुतायत मात्रा में यह मिल जाते हैं । उद्यान वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने बताया कि इसका निदान वर्मी कंपोस्ट में इस्तेमाल कर अथवा साधारण कंपोस्ट में इस्तेमाल कर भी किया जा सकता है । उन्होंने इसके लिए ग्लाईसोफेट, 2-4 D इथाइल ईस्टर, अमोनियम सल्फेट इत्यादि रसायनों के छिड़काव की भी सलाह दी । इसे प्रति लीटर 15 ग्राम नमक पानी के घोल के छिड़काव से भी खत्म किया जा सकता है । कृषकों में अरविंद पांडेय , सुनील पांडेय, राज मंगल पांडेय, राजमोहन पांडेय, दिवाकर कुमार, सुबोध कुमार इत्यादि सहित 20 किसान उपस्थित थे ।
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