संवाददाता–मो०शमशाद आलम
करगहर — ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न पेयजल के संकट के मद्देनजर सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की गई है । उक्त महत्वाकांक्षी योजना के तहत जलस्तर को बरकरार रखने के लिए पोखरों व तालाबों में जल संरक्षण की दिशा में कार्रवाई की जा रही है उसके बावजूद भी विभिन्न गांवों में स्थित पोखरों और तालाबों से मछली मारने के लिए धड़ल्ले से पानी की निकासी की जा रही है । पेयजल संकट का दंश झेल रहे प्रखंड क्षेत्र के बसंतपुर गांव के ग्रामीणों ने गांव के समीप स्थित पोखरे से जल निकासी का विरोध करते हुए । स्थानीय प्रशासन को सूचित किया । जिसके आलोक गुरुवार को अंचलाधिकारी सुर्येश्वर कुमार श्रीवास्तव ने मछली मारने के लिए किए जा रहे जल निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया ।
ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी को लिखे आवेदन पत्र में कहा है कि मत्स्य जीवी सहयोग समिति द्वारा उक्त पोखरे की नीलामी प्रतिवर्ष की जाती है । नीलामी के आदेश के आलोक में मछुआरों द्वारा जल निकासी कर मछली मारी जाती है । इससे गांव में पेयजल का संकट उत्पन्न हो जाता है । वहीं दूसरी ओर मवेशियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराना काफी मुश्किल हो जाता है ।इसकी शिकायत गत वर्ष भी की गई थी । फिर भी जल निकासी की गई थी । जिससे पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया था । ग्रामीणों की शिकायत और सरकार द्वारा जारी निर्देशों के आलोक में अंचलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पोखरा और तालाबों से जल निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया ।
अंचलाधिकारी सूर्येश्वर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के पांच सौ दस पोखरों और तालाबों से जल निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । मछली मारने के लिए जल निकासी करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी