प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर जिला के रोसड़ा एसडीओ ब्रजेश कुमार ने बीसीओ जय कुमार सिंह को दंडाधिकारी एवं सीओ अम्बपाली यादव को वरीय दंडाधिकारी बना कर एरौत गांव का सरकारी जमीन खाली कराने की तिथि 31 जुलाई मुकर्रर किया था। सरकारी जमीन खेसड़ा संख्या 1649,1651 एवं 1665 पर बने अतिक्रमण कारियों को हटाने के लिए पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति तक का पत्र निकल चुका था। लेकिन एसडीओ का आदेश की एक बार फिर सीओ ने अवहेलना करने में कोई कोताही नहीं बरती। एसडीओ का आदेश धरा रह गया। विगत एक साल से उक्त जमीन पर अतिक्रमणकारियों को हटाने को लेकर सीओ की मनमानी जगजाहिर है। इस मामले में 19 मार्च को जटाशंकर सिंह ने आत्मदाह का प्रयास किया तो उसे हिरासत में लेकर उस पर मामला दर्ज कर दिया गया। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का आधा दर्जन आदेश दिया जा चुका है। सीओ ने भी अतिक्रमण वाद 02/2020-21 में उक्त जमीन पर आदेश पारित किया है। लेकिन अतिक्रमण हटाने के बदले सीओ ने अतिक्रमणकारियों को घर एवं दुकान बनाने में मदद कर सरकारी पद का दुरूपयोग किया है। इधर एसडीओ के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं हो ने पर तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। कुछ लोग प्रशासन के खरीद बिक्री की भी चर्चा करने से बाज नहीं आ रहे है। एरौत गांव का यह मामला सुर्खियों में है। क्योंकि अतिक्रमण वाद 03/2020-21 को सीओ ने एक सप्ताह में खाली कर दिया है। जबकि 02/2020/21 में एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही है। सीओ का यह पहला मामला नहीं है। सीओ ने सरकारी जमीन को रयैती बना कर भी खरीद फरोख्त में कई लोंगो की मदद की है। अब देखना है कि वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन करने पर सीओ पर कार्रवाई होती है या लीपा पोती।