प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
बिहार में 18 लाख से अधिक बच्चे डमी या दोहरे नामांकित हैं। पिछले वर्ष 22 लाख से अधिक बच्चों के नाम हटा दिए गए। ये वे बच्चे थे जो लगातार स्कूल से अनुपस्थित रहते थे। इनमें से लगभग 400,000 बच्चों ने दोबारा नामांकन कराया, जबकि बाकी वापस नहीं आए और उनका कोई पता नहीं चला। विभाग ने माना कि दोबारा मौका देने के बाद भी उपस्थित नहीं होने वाले बच्चों के नामांकन में फर्जीवाड़ा हुआ है। नये सत्र में एक अप्रैल से शुरू होने वाले नामांकन अभियान में इस संबंध में विशेष सख्ती बरती गयी है। मुज़फ़्फ़रनगर में 112,841 बच्चों के नाम हटाए गए, जिनमें से केवल 27,460 ही दोबारा नामांकन के लिए आए थे। करीब 80 हजार बच्चे दोबारा नामांकन के लिए नहीं आये। विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का नहीं आना यह दर्शाता है कि ये बच्चे सिर्फ कागजों पर थे, हकीकत में नहीं।
अगर बच्चा नई कक्षा में जाता है तो भी दोबारा नामांकन कराने का आदेश
इस बार डमी और दोहरे नामांकन को रोकने के लिए बच्चों के नई कक्षाओं में जाने पर भी दोबारा नामांकन का आदेश दिया गया है। यह दोबारा नामांकन भी माता-पिता की मौजूदगी में होगा और माता-पिता को एक शपथ पत्र भी देना होगा। डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि अप्रैल से शुरू होने वाले नामांकन अभियान को लेकर सभी हेडमास्टरों को निर्देश दिया गया है
जिलों में बच्चे गायब हो गए
पूर्वी चंपारण: 1.5 लाख नाम हटाये गये, 1.40 लाख नाम वापस नहीं आये।
प. चंपारण: 1.48 लाख नाम हटाए गए, इनमें से 1.36 हजार अज्ञात हैं।
समस्तीपुर: 95,426 नाम हटाए गए, इनमें से 70,000 गायब हैं।
वैशाली: 142967 नाम हटाए गए, इनमें से 1 लाख अज्ञात हैं।
दरभंगा: 96467 नाम हटाए गए, इनमें से 75000 का पता नहीं।