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रोहतास जिलाधिकारी का आदेश हुआ बेअसर, आदेश के 12 दिन बीत जाने के बाद भी नही हुआ जांच

50 किलो अनाज की जगह 45 किलो अनाज पीडीएस दुकानदारों को देने का

रिपोर्ट:–धर्मेन्द्र कुमार सिंह

बिक्रमगंज/रोहतास। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार की सुशाशन की सरकार पूरे बिहार में है लेकिन इसी सुशाशन की सरकार में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की बहार है,यह मामला रोहतास जिले का है, जहाँ जिले के विभिन्न विभागों में घोटाला और अनियमितता अपने चरम सीमा पर है। इस तरह के घोटालों एवं अनियमितता में जिला आपूर्ति विभाग को प्रथम स्थान देने में कही हिचक नही है।

आपको बता दे कि रोहतास जिले के बिभिन्न प्रखंडों में संचालित पीडीएस दुकानों के लिए प्रखंड स्तर पर राशन उठाव के लिए गोदाम बनाया गया हैं, जहां से चावल और गेहूं प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में स्थित पीडीएस दुकानों तक पहुंचाया जाता हैं। पिछले कई वर्षों से पीडीएस दुकानदारों को बिना वजन किए ही 50 किलो प्रति बोरा की गिनती करके उन्हें राशन पहुंचाया जा रहा था। कोरोना काल में लाभुकों को मिलने वाले राशन में कमी को लेकर आवाज उठती रही है। इसको लेकर नाम प्रकाशित नही करने की शर्त पर कई पीडीएस दुकानदारों के द्वारा बताया गया कि गोदाम से ही प्रति बोरा माल कम मिल रहा है। प्रति बोरा माल में कमी को लेकर दावथ प्रखंड स्थित इटवा पंचायत अंतर्गत जगोधरा गांव के कुछ पीडीएस दुकानदारों ने राशन उठाने से इनकार कर दिया और राशन को कांटा (तौल) करा कर लेने की बात कहने लगे। जब राशन का वजन किया जाने लगा तो प्रति बोरा 4 से 5 किलो कम राशन पाया गया। मीडिया को इसकी भनक लगते ही यह खबर विभिन्न अखबारों एवं चैनलों के लिए सुर्खियां बन गयी। उसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और इस पर जांच बैठा दिया।

*जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार के आदेश के बावजूद भी नही हुआ जांच*

पीडीएस दुकानदारों को प्रति बोरा 4 से 5 किलो कम मिल रहे राशन की जानकारी मिलने पर रोहतास जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दो सदस्यीय टीम को गठित कर जांच का निर्देश दे दिया। इसके लिए जांच का जिम्मा जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, रोहतास एवं जिला आपूर्ति पदाधिकारी, रोहतास को सौंपा गया है।

बता दें कि पिछले 2 जुलाई को ही जिलाधिकारी ने जांच के लिए पत्र निर्गत किया है। पत्र निर्गत करने के 12 दिन बीत जाने के बाद भी गठित टीम के द्वारा अब तक जांच नहीं किया गया। गठित टीम द्वारा जांच नहीं किया जाना इस बात को दर्शाता है कि विभागीय अधिकारी इस मामले को लीपापोती करने में लगे हुए हैं, क्योंकि जांच शुरू हुई तो कहां खत्म होगी इसकी भी जानकारी किसी को नहीं है। इसलिए दोनों अधिकारी एक दूसरे द्वारा समय नहीं दिए जाने का बहानेबाजी एक दूसरे के माथे मढ़ रहे हैं। जांच को लेकर जब जिला आपूर्ति पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि टीम में 2 लोगों को शामिल किया गया है जिसमें जिला प्रबंधक भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जिला प्रबंधक समय नहीं दे पा रहे हैं, इसलिए जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। वहीं जब इसके बारे में जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, रोहतास से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि व्यस्तता के कारण जांच में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि बुधवार को जांच किया जाएगा और जो भी जांच में पाया जाएगा उसे जिलाधिकारी को सौंप दिया जाएगा।

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