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बिहाररोहताससंझौली

चन्द्रशेखर जी एक जेहन में बोले सामाजिक कार्यकता- श्री भगवान सिंह

संझौली से सोनु कुमार की रिपोर्ट।

सामाजिक कार्यकर्ता, श्री भगवान सिंह की अपनी कलम से लिखी गई बात…

मित्रों, आरा -सासाराम मुख्य पथपर मेरे गांव के सामने 24.9.92 को पुलिस द्वारा गोलीबारी कि घटना हुई थी।जिसमें कुछ मरे कुछ घायल हुए थे जिससे पूरे क्षेत्र में भय और दहशत ब्याप्त था।तब मैं पटना गया कोई भी मंत्री विधायक मदद के लिए तैयार नहीं था।वहीं खबर लगी कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर जी रघुनाथ झा के आवास पर आरहे हैं,तब मैं कुछ लोगों के साथ पहुंचा।उसी समय देखा कि एक नीले रंग की मारुति गाड़ी आयी जिसे स्वयं चलाकर जो ब्यक्ति उतरे वो महामहिम राज्यपाल मो0 यूनुस साहब थे,उन्हें लेकर एक ब्यक्ति चन्द्रशेखर जी के कमरे में गये।आधा घण्टा रहने के बाद राजभवन वापस चले गये।
फिर मैं आवेदन के साथ गया तब मुझसे घटना की जानकारी लेकर मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को न्यायिक जांच को लिख दिये।कहने पर फिर फोन करके बोले कि रोहतास जिला के संझौली सिकठि में गोली का चलल रहे लालू जी ?न्यायिक जांच खातिर लिखले बानी तब लालू जी बोले कि हुजूर न्यायिक जांच खातिर हाईकोर्ट से आदेश लेबे में देरी होई हम गृह सचिव से तुरंत जांच करा देत बानी।करीब सप्ताहांत तक गृह सचिव के आदेशानुसार प्रमंडलीय आयुक्त, पटना को घटना की जांच के लिए आने की सूचना मिली।तबतक पूर्व से ही जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक सहित अनेको प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे।उसदिन भी हजारों की भीड़ का जमावड़ा होगया तब आयुक्त महोदय बहुत ही अच्छे से बोले कि जोभी ब्यक्ति घटना के सम्बंध में कहना चाहते हैं वे बेहिचक कह सकते हैं।तब हमारे ग्रामीण मित्र स्व0 श्रीराम सिंह बोले कि हुजूर DM और SP के सामने कहने से लोगों को डर लगेगा तब आयुक्त महोदय बोले कि सभी प्रशासनिक ब्यक्ति डीएम-एसपी सहित दूर जाओ।फिर बहुत से लोग घटना के सम्बंध में बताये।
जांच प्रतिवेदन के बारे में तो पता नहीं चला लेकिन ग्रामीणों के साथ -साथ क्षेत्रीय लोगों को भी अब पुलिस प्रशासन से कोई परेशानी नहीं हुई।
एक पैरवी के सिलसिले में इनके धर्मपत्नी के श्राद्धकर्म में इब्राहीमपट्टी(बलिया) उ0 प0 गया था, उसी समय 3 दिन में दिल्ली आने को कहे।
श्राद्धकर्म में हमने अनेको गणमान्य लोगों को देखा जहां राज्यपाल रोमेश भंडारी,भैरोंसिंह शेखावत, ओमप्रकाश चौटाला,कल्याण सिंह कालवी, चन्द्रा स्वामी सरीखे नामचीन लोग आते जाते रहे। जहां पूरा बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की मौजूदगी देखा। 3 उड़नखटोला के साथ साथ सैकड़ों की संख्या में लाल- नीली- पीली गाड़ियों का जमावड़ा भी था।
चन्द्रशेखर जी राजनीति में अजीम शख्सियत थे जो नेताओं के नेता थे।इन्होंने कितने को मुख्यमंत्री और मंत्री बनवाया सभी लोग जानते हैं। इनके भोड़शी आश्रम में रात को केंद्रीय या राज्यों के मंत्री लोग लाल बत्ती बुझा कर जाते थे।
चन्द्रशेखर जी कभी कहे थे ” सिंह लिखने से ही कोई सिंह नहीं होजाता, अब मैं नाम के साथ सिंह छोड़ता हूं ”
साल 1997 था कांति सिंह कोयला राज्य मंत्री थीं आवास था 1, सुनहरीबाग एक मित्र के साथ वहां थे।एकदिन दिल्ली के तमाम अखबारों में छपा था “सांसद का बंगला ने तूल पकड़ा” जो बिहार से ही सम्बंधित था। केन्द्र में बिहार के एक मंत्री थे (नाम गुप्त)जिन्हें बंगला 1 त्यागराज मार्ग आवंटित हुआ था,जिसमें प्रतापगढ़ की सांसद(कांग्रेस) श्रीमति रत्ना सिंह रहती थीं, आवास समिति के अध्यक्ष भी बिहार के ही थे।मंत्री जी के गुर्गे रत्ना सिंह के अनुपस्थिति में(संसद सत्र चल रहा था) बंगले पर जाकर नौकरों के साथ दुर्व्यवहार किये तब उनलोगों ने रत्ना सिंह को इस घटना के बारे में सूचना देदी।किसी तरह चन्द्रशेखर जी को जानकारी होगई तब उसी समय अविलंब मंत्री को संसद के कॉरिडोर में बुलाया और डांटकर कहने लगे कि क्या समझते हो यह बिहार है?किसी का ताला तोड़कर घुस जावोगे?मंत्री ने कुछ कहना चाहा तो इन्होंने ने बोला कि गुण्डई करोगे ? हम तुमको बतायें ?हमको जानते हो कि नहीं?अपने आका से पूछ लेना।तबतक सूचना पाकर प्रधानमंत्री देवगौड़ा जी स्वयं आकर बोले कि अध्यक्ष जी (इन्हें सभी अध्यक्ष जी ही कहते थे)सांसद जितना दिन रहना चाहेंगी रहें।
आज इस महामानव,राजनीतिक पुरोधा के पुण्यतिथि पर दिल से विनम्र श्रद्धांजलि।

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