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बिहारसुपौल

सुशासन बाबू के राज में पंचायत प्रतिनिधि खुलेआम कर रहे हैं धांधली

रिपोर्ट:-बलराम कुमार सुपौल बिहार

मामला सुपौल जिला सदर अनुमण्डलोय मुख्यालय अंतर्गत किशनपुर प्रखंड क्षेत्र के दुबियाही पंचायत वार्ड नंबर-09,एवं-10,में मुख्यमंत्री सात निश्चय,गली नली, योजना में पंचायत प्रतिनिधि द्वारा खुलेआम हो रही धांधली की है।
ग्रामीणों ने बताया की पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा पंचायत में वार्ड में जितने भी योजनाएं चल रही है। जैसे सात निश्चय योजना, गली नली योजना, मनरेगा, अन्य सभी योजनाओं में खुलेआम किया जा रहा है धांधली।
लाखों की लागत से पंचायत, वार्ड,में बनी सड़क को दो चार महीने भी नहीं हुए हैं पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।कहीं कहीं तो वार्ड में ऐसी स्थिति बनी हुई है की थोड़ी सी वारिस होने की वजह से जनता को पानी कीचड़ जैसे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।
दुब्याही पंचायत की जनता को सड़क नहीं बनी रहने से तथा बनी सड़क कुछ हीं महीनों में पूरी तरह ध्वस्त हो जाने से पानी कीचड़ में चलने को मजबूर हैं।
आपको बता दें कि दुबियाही पंचायत में लगभग-02,से-03, महीने पूर्व में सड़क की- PCC, ढलाई की गई थी, जो कि अभी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि वार्ड सदस्य, मुखिया एवं सचिव के द्वारा पीसीसी ढलाई में जो धांधली की गई है। उसको लेकर ग्रामीण काफी दिक्कतों का सामना करती दिख रही है।
सड़क सही नहीं रहने की वजह से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। साथ हीं बताया की पंचायत प्रतिनिधियों को जब टूटी सड़क एवं कहीं पर सड़क नहीं रहने की बात बताते हैं तो कोई भी प्रतिनिधि इस और ध्यान नहीं देते हैं।
देख लीजिए सुशासन बाबू पंचायत के प्रतिनिधिगन कैसे योजना में खुलेआम धांधली कर रहे हैं।
पंचायत की जनता कितनी परेशानियां झेल रही है।
पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा हो रही धांधली में गरीब, दलित,मजदूर, किसान, लोग कुछ कहते हैं तो कोई सुनते कहां हैं।
क्योंकि प्रतिनिधिगण जानते हैं की इन सभी जनता को कानूनी प्रक्रिया के बारे में कुछ पता हीं नहीं है।
कुछ जनता तो ये भी नहीं जानते हैं। की विभागीय पदाधिकारी क्या होती है।
जानकारी नहीं रहने के अभाव में सरकार को कोसती रहती है।
कुछ जनता को कानून प्रक्रिया पता है तो क्या करे दे लेके निपटा लेते हैं।पदाधिकारी भी प्रतिनिधि से मिले रहते हैं।
मिलीभगत से चंद रुपयों के लिए बात को दबा दिया जाता है।
सबसे बड़ी बात ये देखने को मिलता की कागज पर हीं योजना बन चलती है।
कहीं भी योजना का बोर्ड लगा हुआ नहीं रहता है।
आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन सरकार, पदाधिकारी, या प्रतिनिधि, ऐसा क्यों हो रहा है।
आखिर इस पर ठोस कदम कोन उठाएगा।
इस पर पहल कोन करेगा।
सरकार, हो या पदाधिकारी, या प्रतिनिधि, सभी तो जनता के दिए टेक्स पर जीते हैं।
फिर भी जनता क्यों परेशान होती रहती है।
जनता के साथ हीं ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जाता है।
बहुत सारे सवाल खड़े हो रहें हैं।
जब किशनपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी अजित कुमार,के पास पहुंचकर योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमें भी इस बात की जानकारी नहीं थी।
मीडिया बंधुओं के द्वारा जानकारी मिली है।
इस कार्य पर तुरंत ही टीम को भेज कर इसकी जांच करवा कर तुरंत ही कार्रवाई करेंगे।
जब प्रखंड अंतर्गत विकास होता है तो उसका मालिक प्रखंड विकास पदाधिकारी होता है।
लेकिन कैसे प्रखंड विकास पदाधिकारी हैं की उनको पता हीं नहीं चलता है की योजना का कार्य पूरा हुआ की नहीं।
योजना का कार्य सही तरीके से हुआ की नहीं।
अब आप अंदाजा लगा सकते हैं की आखिर कुछ तो बात जरूर होगी की
कागज पर योजना खुल गई सड़क बन गई।
कुछ हीं महीनों बाद सड़क टूट गई।
लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी को पता हीं नहीं चला।
आखिर प्रखंड में योजना पास प्रखंड विकास पदाधिकारी के हीं दस्तखत से हीं होते हैं।
क्या प्रखंड विकास पदाधिकारी कब कहां कैसे अपना दस्तखत किए पता हीं नहीं है।
या फिर जान के अनजान बने रहते।
अब देखना लाजमी होगा की सुशासन बाबू के राज में क्या जनता ऐसे हीं परेशान होती रहेगी।
क्या ना समझ जनता ऐसे हीं सरकार को कोसती रहेगी।
या इस पर सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी।

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