रमेश कुमार पांडेय की रिपोर्ट
लाल बालू का काला कारोबार धड़ल्ले जारी,पुल के पास लगाया गया पुल क्षतिग्रस्त होने का बोर्ड
सासाराम/बक्सर। बिहार के लाल बालू का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है।प्रशासन की लापरवाही के कारण बालू लदे ओवरलोड ट्रकें चौसा यादव मोड़ के रास्ते यूपी पहुंच रही है।जिसके कारण राजस्व की बहुत बड़ी क्षति के साथ साथ,बिहार का बालू बिहार के लोगो को ही महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है
अधिकारियों को 24 घण्टे बॉडर पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। इसके बाबजूद रोजाना ओवरलोड ट्रकों की लंबी लाइन बॉडर पार करते हुए देखा जाता है।जिससे बालू माफिया एवं अधिकारियों के साठ गांठ को झुठलाया नही जा सकता है।साथ ही चौसा कर्मनाशा पुल को क्षतिग्रस्त होने के कारण इसपर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक का आदेश है।इसके बावजूद बालू से लदी ओवरलोड़ ट्रंके धड़ल्ले से पार कराया जा रहा है।जिसके कारण कभी भी एक बड़ा हादसा हो सकता है।
पुल पर क्षतिग्रस्त का लगाया गया है बोर्ड
बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा को जोड़ने वाला चौसा स्थित कर्मनाशा नदी पर बना पुल कभी भी धराशायी हो सकता है।पुल के उपर सरिया बाहर निकल चुका है। उत्तर प्रदेश से बिहार एवं बंगाल में व्यापार को विस्तार रूप देने के लिए इस पुल को बनवाया गया।जहां रोजना क्षमता से अधिक भारी वाहनों के गुजरने से इसकी हालत जर्जर हो गयीं है। जिसके कारण पुल के दोनों तरफ पुल क्षतिग्रस्त होने का सूचना बोर्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा लगाया गया है।
इस पुल पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के बाद भी प्रशासन की लापरवाही के कारण ओवरलोडिंग का खेल बेधड़क चल रहा है।विभाग के उच्चाधिकारियों का आदेश कागजों तक ही सिमटकर रह गया है।जिसके कारण कुछ चंद पैसों के कारण वाहन चालकों की जान और पुल को खतरे में डालकर आवागमन करवाया जा रहा है।
राजस्व की हो रही भारी क्षति, कराह रही सड़कें
जिलें के कोचस -चौसा मुख्य मार्गों पर परिवहन विभाग व खनन विभाग की निष्क्रियता के चलते इन दिनों ओवरलोडेड बालू लदे ट्रकों का परिचालन बेरोक-टोक जारी है।सासाराम-कोचस-चौसा मार्ग पर ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन से एक तरफ सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। वहीं,दूसरी ओर सरकार के राजस्व की भारी क्षति पहुंच रही है।भारी वाहनों के बेधड़क परिचालन से कई जगहों पर सड़कें खराब हो चुकी हैं।जिसके कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बिहार में सोने के भाव बिक रहा बालू
बिहार के लाल बालू की मांग यूपी में काफी ज्यादा है।जिसके कारण बालू माफियाओं व ट्रक मालिको को बार्डर पार करते है। बिहार के बालू के दोगुने दाम मिल जाते है।इसलिए कोई भी बालू बिहार में बेचना पसन्द नही करते। कारण बिहार में बालू की किल्लत बनी हुई है।लोगो को घर बनाने के लिए काफ़ी महंगे दामों पर बालू खरीदना पड़ रहा है।जो बालू 2500 रुपये प्रति ट्रॉली मिल जाता था।वह अब सीधे 7500 रुपये प्रति ट्रॉली मिल रहा है।