रमेश कुमार पांडेय की रिपोर्ट
बिहार सरकार के पर्य़टन विभाग ने इंद्रपुरी बराज पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया है।यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा डैम है।फेसबुक पर इसका पोस्टर जारी किया गया है।पर्यटन के लिहाज से यह बिहार के अहम स्थानों में एक है।
सासाराम। जिलें मे स्थित विश्व का चौथा सबसे बड़ा इंद्रपुरी बराज पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बिहार सरकार के पर्य़टन विभाग ने इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया है। फेसबुक पर इसका पोस्टर जारी किया गया है। इस बराज के माध्यम से पुराने शाहाबाद और मगध इलाके के आठ जिलों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। पर्यटन के लिहाज से भी यह डैम काफी महत्वपूर्ण है।इसके साथ ही लोगों के रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया कराए जा सकते हैं। इंद्रपुरी बराज के पास जल संसाधन विभाग ने ढाई करोड़ की लागत से ईको पार्क का निर्माण कराया है। इसका लोकापर्ण भी जल्द होगा।यहां ठंड के मौसम में साइबेरियन पक्षी सहित कई प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं।ऐसे में यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है।
ब्रिटिश काल मे 1872 में यहां बने एनीकट बराज में सिल्ट भर जाने के बाद आजादी के बाद यहां से 10 किमी दक्षिण सोन नदी पर इंद्रपुरी बराज का निर्माण किया गया था। जिसका उद्घाटन 1965 में देश के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा ने किया था।
इंदपुरी बराज पर प्रतिवर्ष ठंड के मौसम में साइबेरियन पक्षी भी पहुंचते हैं।रोहतास और औरंगाबाद जिले के लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट के तौर पर ये काफी लोकप्रिय है।हाल ही में यहां ढाई करोड़ की लागत से इको पार्क का निर्माण कराया गया है।जल्द ही यह पार्क जनता को समर्पित होने की उम्मीद है ।
पर्य़टन विभाग की इस पहल का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। उनलोगों ने कहा कि बिहार सरकार पर्यटन के लिए इसका विकास करने की पहल करे तो इससे रोजगार के भी अवसर मुहैया कराए जा सकते हैं।
चकन्हा के पूर्व मुखिया कमलेश मोहन का कहना है कि इंद्रपुरी डैम की खूबसुरती देखने लायक है। डैम के पास अगर रेस्टोरेंट और कैफे खुले तो पर्यटकों को ये काफी आकर्षित करेगा।
सूत्रों ने बताया कि बिहार सरकार पर्यटन की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है।इंद्रपुरी डैम सहित पूरे जिले के पर्यटन स्थलों के विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है।