रोहतास से रमेश कुमार पांडेय की रिपोर्ट
सासाराम।बिहार बोर्ड के छात्रों को अब किसी चैप्टर को समझने के लिए यू-ट्यूब या गूगल पर अध्ययन सामग्री खोजने की जरूरत नहीं होगी.कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों के टेक्स्ट बुक के लिए ई-लाइब्रेरी तैयार की गई है.अब केवल एक क्लिक करने से सारी किताबें ई-लाईब्रेरी में मिल सकेंगी. वेबसाइट bepclots.bihar.gov.in पर शिक्षकों व विद्यार्थियों को आसानी से ये किताबें मिलेंगी. गूगल प्ले स्टोर में जाकर ई-लॉट्स एप के माध्यम से मोबाइल पर डाउनलोड करने का भी विकल्प मौजूद है.बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और यूनिसेफ द्वारा इस व्यवस्था को तैयार किया गया है. इसमें बिहार बोर्ड के 9वीं से 12 वीं के सिलेबस के अलावा कक्षा एक से आठवीं तक की सारी किताबें डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध कराई गई हैं.कोराेना काल के दौरान छात्रों को घरों में रहकर ही अध्ययन करने की मजबूरी के दौरान अब ई-लाइब्रेरी उनके लिए काफी मददगार साबित होगा.
डीईओ संजीव कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने ई-लाइब्रेरी तैयार कर एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है.बिहार अब देश का पहला ऐसा राज्य बन चुका है, जिसके पास अपने टेक्स्ट बुक के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार है.इसमें कक्षा एक से 12वीं तक की सभी किताबें उपलब्ध हैं. ई-लाइब्रेरी में किताबों के अलावा हर चैप्टर का अलग-अलग वीडियाे भी उपलब्ध है.कक्षा 12वीं तक के छात्रों को यहां वो सभी वीडियो मिल सकेगा जो कोराेनाकाल के दौरान दूरदर्शन पर चलाए गए थे.इसमें सभी कक्षाओं के वीडियो शामिल रहेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से बताया गया है कि इसमें कक्षावार किताबें रखी गई हैं.छात्रों को पहले अपनी कक्षा का चयन करना होगा.इसके बाद विषय और फिर उसके चैप्टर को चिह्नित कर उसे पढ़ा जा सकेगा. पन्ने पलटने की सुविधा इसमें दी गई है.शिक्षा विभाग ने इस ई-लाइब्रेरी का नाम ई-लॉट्स दिया है. वेबसाइट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदेश भी है.इसके बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी,अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह की बातें हैं.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यार्थियों के डिजिटल शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग विकसित पोर्टल ई-लॉट्स, ई-लाइब्रेरी ऑफ टीचर्स एंड स्टूडेंट्स का राज्य के प्रतिभावान शिक्षकों एवं बच्चों के उपयोग के लिए शुभारंभ किया जा रहा है.आशा है कि इससे सभी को लाभ मिलेगा.इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्र छात्र-छात्राओं को भी होगा.