प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर जिला में ईद उल फितर सादगी और अकीदत के साथ मनाया गया। ईदगाहों में सामूहिक रूप से नमाज अदा नहीं की जा सकी। लोगों के एक दूसरे के घरों में आने- जाने का सिलसिला भी बहुत कम देखा गया।
कोरोना संकट के चलते इस बार भी ईदगाह में सामूहिक रूप से नमाज अदा नहीं हो सकी है। इसके लिए पहले ही पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्लिम धर्मगुरुओं तथा अनेक गणमान्य लोगों के साथ बैठक की थी। अधिकतर लोग अपने घरों में ही रहे।
वहीं दोपहर में जुमे की नमाज के लिए भी इसी प्रकार की व्यवस्था रही। जुमे की नमाज के लिए भी मस्जिदों में बहुत ही कम लोग पहुंचे। गली मोहल्लों में स्थित मस्जिदों में भी लोग जमा नहीं हुए। कुछ मस्जिदों में शारीरिक दूरी बनाकर पांच से सात लोगों ने ही नमाज अदा की और रब से खुशहाली की दुआ मांगी। शहर में विभिन्न स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिए पुलिस को तैनात किया गया था।
शहर के गोला रोड स्थित बड़ी मस्जिद के इमाम मो. नासुरउद्दीन अशरफी जामई ने
सभी से अपील किया था कि वैश्विक महामारी को देखते हुए प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें। एक दूसरे से गले मिलने के बजाए दूर से ही ईद मुबारकबाद दें, दावत में भीड़ न करें,
बड़ी मस्जिद के इमाम मो. मोतीउर रहमान ने लोगों से कहा है कि ईद मनाते समय कोरोना वायरस को लेकर जारी किए गए प्रोटोकॉल का पूरा पालन करें। घरों में रहकर ही ईद मनाएं। किसी से हाथ न मिलाएं वही मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को मुबारकबाद दें। साथ ही घरों में ही सीमित संख्या में परिवारजनों के साथ इस पर्व को मनाएं।
महिलाओं को चांद रात चूड़ी नहीं खरीदने का मलाल : कोरोना को लेकर लगी पाबंदी ने महिलाओं को चांद रात में पहनने के लिए चूड़ी नहीं खरीदने का मलाल रहा। ईद की असल खुशी महिलाओं को चांद रात चूड़ी पहनने को रहती है, पिछले दो वर्ष से यह खुशी उन्हें नसीब नहीं हो रही है। इसका अफसोस उन्हें रहा, मगर कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए उन्हें यह कुर्बानी भी मंजूर है।