सासाराम
कोरोना ने वाहन मालिकों की हालत खराब करके रख दी है। सबसे बुरा हाल स्थानीय बस संचालकों को हो रही है। कोरोना को ले रात में नाइट कर्फ्यू व दिन में बाजार में चीरती सन्नाटे ने वाहन मालिकों की नींद खराब करके रख दी है। पिछले साल मार्च के बाद से महीनों वाहनों को जहां-तहां खड़ा करना पड़ा था। संक्रमण कम होने पर साल के अंत में सरकार ने वाहनों को चलाने की अनुमति दी। इसके बाद परिचालन प्रारंभ हुआ। पहले संक्रमण के भय से कम संख्या में लोग बसों, मैक्सी व टेम्पो की सवारी करते देखे गए। बाद में मन से भय निकलने लगा तो धीरे-धीरे वाहन मालिकों की आमदनी पटरी पर लौटने लगी। लेकिन, एक बार फिर कोरोना ने वाहन मालिकों की हालत पतली करके रख दी है।
बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल 22 मार्च जनता कर्फ्यू व इसके बाद लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसके बाद कई महीनों तक सवारी गाड़ियों का परिचालन ठप रहा। तब वाहन मालिकों को लगा था कि राज्य उनकी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किस्तों, टैक्स समेत अन्य तरह की छूट प्रदान करेगी।