कोचस (रोहतास)।पिछले साल की अपेक्षा इस बार कहीं न कहीं कोरोनावायरस संक्रमण का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ा है।इस बात की सच्चाई भी है।इस बार मार्च-अप्रैल के महीने से लोग ज्यादा बीमार होते रहे है।
आज कल के मौसम के अनुसार सर्दी,खांसी और बुखार,यह तो मौसम के परिवर्तन के साथ आम बीमारियां हो गई है और हम लोग इस बदलते मौसम में मौसमी संक्रमण से जूझ भी रहे हैं।मौसमी बीमारियां आती है और चली जाती है,पर जिस तरह से सरकार,सामाजिक कार्यकर्ता और समाजिक संगठनों ने इस बार पंचायत क्षेत्र में या अपने गांव में आगे बढ़कर काम नहीं किया है यह शिकायत पूर्ण है।पिछली साल के अपेक्षा,जिस तरह से पिछले साल सभी सामाजिक संगठनों ने या जनप्रतिनिधियों ने गांव,मुहल्लों को सैनिटाइज किया था या दवा का छिड़काव किया था या मास्क को अपने हाथों से बांटा था और लोगों को भी समझाया बुझाया था,
जागरूक किया था इस बार परिस्थितियां वैसी नहीं है कहीं न कहीं जो सामाजिक स्तर पर लोग हैं। उनके द्वारा भी इस बार बढ़ चढ़कर हिस्सा नहीं लिया जा रहा है और उसी के नतीजा है कि काल लगातार अपने पैरों को पसार रहा है।कोचस क्षेत्र के आसपास हो रहे लगातार मौतें भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि यह किस प्रकार की बीमारियां है।बीमारियां आएंगी जाएंगी या मौतें भी होंगी पर समझना और सतर्क रहना सभी लोगो का कर्तव्य है।
सरकार या कोई भी सरकार, जनप्रतिनिधि या समाजिक संगठन हमेशा लोगो के साथ नहीं रह सकता या कर सकता है। आज सभी लोगो को सतर्क एवं संयम के साथ अपने घरों में रहना है और एक दूसरे का सहयोग करते हुए मानसिक रूप से भी मजबूत होने की आवश्यकता है।दूसरों व्यक्तियों से नहीं पहले लोगो को अपने घरों के लोगों से ही शुरुआत करनी होगी समझना होगा,समझाना होगा तभी अगल-बगल के लोग समझेंगे, समाज समझेगा,पंचायत समझेगी और फिर अगल बगल के गांव के लोग भी समझेंगे,हम सब मिलकर एक कदम आगे बढ़ाते हैं मास्क,दूरी,सतर्कता,एक दूसरे का सहयोग और घर से कम निकलना,खाने-पीने की चीजों पर ध्यान देना आदि सभी पहलुओं को अपनाएंगे,तभी कोरोना हारेगा और हमारा पंचायत या देश जीतेगा।