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प्रसव के बाद जननी की मालिश क्यों —-सुनील कुमार

सासाराम संदीप भेलारी

रोहतास राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस श्रीमती कस्तुरबा गांधी के जन्म दिवस 11अप्रैल 1869 के जन्म दिवस के अवसर पर भारत में मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार संरक्षण रोहतास सह दहेज मुक्त विवाह कार्यक्रम रोहतास सह प्रयाग फाउंडेशन रोहतास जिले के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि माँ बनना एक सुखद एहसास है, पर इसके लिए महिलाओं को असहनीय प्रसव पीड़ा झेलनी पड़ती है और फिर जाकर उन्हें वो ख़ुशी की किलकारी सुनने को मिलती है। प्रसव के बाद महिला का शरीर काफ़ी कमज़ोर रहता है और इस कारण उनको ख़ास केयर की ज़रूरत होती है। सिर्फ सही खान-पान ही नहीं बल्कि शारीरिक देखभाल की भी ज़रूरत होती है और इसी कारण नयी माँ को मसाज यानी मालिश की भी ज़रूरत होती है क्यूंकि इससे माँ को बहुत से फायदे होते हैं। जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने ऐसे ही फायदों के बारे में हम बता रहे हैं।
प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में काफी दिनों तक दर्द रहता है जो की मालिश करने से दूर होता है क्यूंकि मालिश से मांसपेशियों को पोषण मिलता है और उनको आराम मिलता है
मसाज से शरीर में रक्त संचार तेज़ होता है जिससे माँ का दूध बनने में मदद मिलती है और इससे माँ ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी रिलैक्स रहती है
मालिश के लिए सबसे अच्छे तिल और अरंडी के तेल होते हैं जो त्वचा में ग्लो और कसाव भी लाता है इसके आलावा अगर मां को सुगन्धित तेल से मसाज किया जाता हैं तो और ज़्यादा आराम मिलेगा और खुद को तनावमुक्त महसूस करेंगी
मालिश प्रेगनेंसी के बाद बढ़े हुए वज़न को भी घटाता है क्यूंकि मालिश करने से फैट बर्न होता है और इस कारण प्रेगनेंसी के बाद अपने पुराने वाले फिगर में वापस आ सकती हैं आपको जानकर थोड़ा आश्चर्य हो सकता है की मालिश से स्ट्रेच मार्क्स भी कम हो सकते हैं और कोशिश करें मालिश के वक़्त प्राकृतिक तेल का ही इस्तेमाल करने चाहिए
पर मालिश करवाते वक़्त यह ज़रूर ध्यान रखें की ज़ोर से मालिश ना करवाएं क्यूंकि प्रसव के बाद शरीर कमज़ोर होता है और डिपेंड करता है की आपकी नार्मल डिलीवरी हुई है या सी-सेक्शन क्यूंकि सी-सेक्शन में अगर मालिश करवा रहे हैं तो खास सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है, इसलिए मालिश कराएं पर ध्यान से मालिश करवाने चाहिए। मां दुनिया की अनमोल धरोहर है। मां से ही जग है तो जहांन है। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व में अब बिना चिड़ा टांके के दर्द रहित प्रसव संभव है।जो रोहतास जिले के नारायण अस्पताल एंड मेडिकल कॉलेज जमुहार में कराया जा रहा है। जहां से अनगिनत मां इस योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।
जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि संस्थागत प्रसव सुरक्षित प्रसव है। बच्चों के जन्म को आनंद पूर्ण बनाने के लिए प्रसव किसी अस्पताल में कराया जाए। जैसे कि सदर अस्पताल सासाराम एवं सभी अनुमंडलीय अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी में जननी सुरक्षा योजना के तहत सुरक्षित मातृत्व के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के महिला लाभार्थियों को 1400 सौ रुपए एवं शहरी क्षेत्रों के लाभार्थियों को 1000 रूपए दिए जाते हैं।पूरी गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं होने वाले खतरों से बचने के लिए कम से कम चार बार अपने स्वास्थ्य की जांच कराने बहुत जरूरी है। सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्णतः निशुल्क प्रसव, सिजेरियन डिलीवरी की स्थिति में भी। निशुल्क दवाइयां व अन्य उपभोग की वस्तुओं का मिलना जारी है। समान्य प्रसव के लिए तीन दिन एवं सिजेरियन ऑपरेशन के लिए सात दिनों तक निशुल्क भोजन, निशुल्क जांच, निशुल्क रक्तदान का प्रावधान है।घर से स्वास्थ्य केन्द्र तक निशुल्क यातायात की सुविधा एवं एक अस्पताल से दुसरे अस्पताल में रेफर किए जाने पर निशुल्क यातायात की सुविधा उपलब्ध है। जिसमें बच्चों के जन्म के एक साल तक निशुल्क सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व के तहत टेटनस डीप्थीरिया इंजेक्शन एक महीने के अंतर पर दिया जाता है। तीन साल के भीतर पुनः गर्भधारण की स्थति में एक ही इंजेक्शन दिए जाते हैं। जबकि आयरन फोलिक एसिड180गोली एवं कैल्शियम गोली 360 गर्भावस्था के दौरान एवं प्रसव के पश्चात दिया जाता हैं। गर्भावस्था के द्वितीय तिमाही में एल्बेन्डाजोल 400एमजी की एक गोली चबाकर खिलाया जाता है। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित मातृत्व के लिए राज्य स्वास्थय समिति गर्भधारण से लेकर शिशु के जन्म के पश्चात उनके देख रेख पोषण एवं टीकाकरण को लेकर गंभीर है। जिससे मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट लायी जा सकती है

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