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वसंतोत्सव के पहले दिन हरीकीर्तन एवं गायन

सासाराम
रोहतास अन्तर्राष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार संरक्षण रोहतास सह दहेज मुक्त विवाह कार्यक्रम रोहतास सह प्रयाग फाउंडेशन रोहतास जिले के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि वसंत ऋतु प्रति वर्ष 18 फरवरी से शुभारंभ होकर 19अप्रैल तक रहता है। वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छह ऋतुओं में से एक ऋतु है, जो 18 फरवरी मार्च और 19 अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला । इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है
वसन्त ऋतु वर्ष की एक ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। अन्य देशों में यह अलग समयों पर हो सकती है। इस ऋतु की विशेष्ता है कि मौसम का गरम होना, फूलो का खिलना, पौधो का हरा भरा होना और बर्फ का पिघलना। भारत का एक मुख्य त्योहार है होली जो वसन्त ऋतु मे मनाया जाता है। यह एक सन्तुलित मौसम है। इस मौसम मे चारो ओर हरियालि होति है। पेडो पर नये पत्ते उग्ते है। इस रितु मै कइ लोग उद्यनो तालाबो आदि मै घुम्ने जाते है
‘पौराणिक कथाओं के अनुसार वसंत को कामदेव का पुत्र कहा गया है। कवि देव ने वसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहा है कि रूप व सौंदर्य के देवता कामदेव के घर पुत्रोत्पत्ति का समाचार पाते ही प्रकृति झूम उठती है। पेड़ों उसके लिए नव पल्लव का पालना डालते है, फूल वस्त्र पहनाते हैं पवन झुलाती है और कोयल उसे गीत सुनाकर बहलाती है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ऋतुओं में मैं वसंत हूँ
वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, शिवरात्रि तथा होली नामक पर्व मनाए जाते हैं। भारतीय संगीत साहित्य और कला में इसे महत्वपूर्ण स्थान है। संगीत में एक विशेष राग वसंत के नाम पर बनाया गया है जिसे राग बसंत कहते हैं। वसंत राग पर चित्र भी बनाए गए हैं। जबकि जिले किशुनपुरा गांव में वसंतोत्सव के उपलक्ष्य में दिन में हरीकीर्तन एवं शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम गायन वादन कार्यक्रम का आयोजन सदस्य सत्यदेव कुमार उर्फ़ पप्पू कुमार के द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें अलख चौबे,विक्रमा तिवारी,प्रमोद तिवारी,चंदन सिंह, दुखित सिंह,गायक गुड्डू कुमार,व्यास वैरागी जी, प्रेमचन्द कुमार बीडीसी, कामेश्वर पासवान,बाल साह,कृष्णा सिंह,चंद्रदीप गिरी सहित काफी संख्या में उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में भूमिका निभाई

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