सासाराम संवाददाता अभिषेक सिंह
सासाराम कोरोना गाइड लाइन के नियमों की अनदेखी कर शहर में कोचिग संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। न तो छात्र-छात्रा मास्क पहनकर पढ़ने जा रहे हैं न दो गज दूरी का अनुपालन हो रहा है। 50 फीसद उपस्थिति का भी ख्याल रखा नहीं जा रहा है। जबकि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक कोचिग संस्थान को संचालित करने से पूर्व संचालकों को डीएम से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक जिले मे एक भी कोचिग संस्थान कोचिग नियंत्रण व विनियमन के तहत निबंधित नही है। इसे ले विभाग की ओर से फरमान जारी करने के सिवाय और कुछ नही किया जा सका है। जिसका नतीजा जिले मे अवैध रूप से संचालित होने वाले कोचिग संस्थानों की भरमार है।
निबंधन को ले दो दर्जन कोचिग संचालकों ने हीं निबंधन की प्रकिया के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालय में आवेदन के साथ पंजीयन शुल्क का डीडी जमा किया है। परंतु उसे भी निबंधित नही किया जा सका है। निबंधन की दिशा मे कोई कार्रवाई नही होने से अवैध चल रहे कोचिग संचालकों पर कार्रवाई का तनिक भी डर नहीं है। यही वजह है कि अब संचालक पंजीयन फार्म भी जमा करना मुनासिब नही समझ रहे हैं। जबकि आमदनी के हिसाब से संचालकों को टैक्स देने का भी प्रावधान है।गौरतलब है कि जिले में लगभग आठ सौ से अधिक कोचिग संस्थान का संचालन बगैर निबंधन के संचालित होते है, जिस पर सरकार का नियंत्रण नही है। जिसका भरपूर फायदा संचालक उठा रहे है। न तो उन्हें किसी प्रकार का कर चुकता करना पड़ता है और छात्रों से ली जाने वाली फीस में एकरूपता। बहरहाल संचालकों के बीच सभी प्रकार की परीक्षा में सफलता व रोजगार की गारंटी देने की मची प्रतिस्पर्घा का शिकार छात्रों को बनना पड़ रहा है। इस संबंध में डीईओ संजीव कुमार ने कहा कि स्कूल-कॉलेज हो या फिर कोचिग संस्थान। सभी को कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। जो गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी