डेहरी ऑन सोन संवाददाता पुष्पा कुमारी
, कुष्ठ रोग अब लाइलाज नहीं है। समय पर इलाज कर इस बीमारी है। लोगों में यह माइकोबैक्टेरियम लेप्री जीवाणु से फैलता है। इस बीमारी के कारण मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। आदर्श कुष्ठ नियंत्रण इकाई रूद्रपुरा में 15 से 17 फरवरी तक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी का कैंप लगा कुष्ठ मरीजों का इलाज किया जाएगा।
रिकंस्ट्रक्टिव आपरेशन केंद्र के कुष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एचएन पांडेय ने बताया कि कुष्ठ मरीजों का इलाज पूरी तरह संभव है। इसके लिए समय पर इलाज व दवा खाने की आवश्यकता है। रोहतास जिला को कुष्ठ मुक्त हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। कहा कि कुष्ठ रोग अति संक्रामक स्थिति में है तो भी लगातार दवाओं के इस्तेमाल से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी है लेकिन हाथ मिलाने या साथ बैठने से नहीं होता है। इसलिए कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करके उनकी मदद करनी चाहिए। आदर्श कुष्ठ निवारण इकाई रुद्रपुरा में आरसीएस सर्जरी का 20 बेड है जिसमें 16 पुरुषों व चार महिलाओं के लिए एवं दूसरे अल्सर वार्ड में 10 बेड है जिसमें छह बेड पुरुषों के लिए व चार बेड महिलाओं के लिए निर्धारित है। गत आठ वर्षों से यहां रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जा रही है ।अब तक
476 कुष्ठ रोगियों का सर्जरी करते हुए इलाज किया गया है। 15 से 17 फरवरी तक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी का कैंप लगा कुष्ठ मरीजों का इलाज किया जाएगा।
डेमियन फाउंडेशन रुद्रपुरा के प्रोजेक्ट होल्डर नरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि कुष्ठ रोगियों के साथ आने-जाने का के लिए व रहने खाने, दवा, सर्जरी सभी सेवाएं मुफ्त दी जातो है। सर्जरी वाले मरीजों को प्रोत्साहन राशि के रूप में आठ हजार रुपये दिया जाता है। कुष्ठ रोग का उपचार स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुष्ठ रोग का प्रभावी उपचार एमडीटी यानी मल्टी ड्रग थेरेपी द्वारा किया जा सकता है। अस्पताल में एमडीटी की दवा निशुल्क उपलब्ध है। प्रारंभिक अवस्था में कुष्ठ रोगियों को एमडीटी दी जाती है