सवांददाता अविनाश कुमार की रिपोर्ट-
बिहटा की जाने माने होमियोपैथीक डॉक्टरनी निहारिका चौबे अपना राय रखती हैं कि क्यों ना हर इलाके के स्थानीय क्षेत्र में प्रत्येक विभाग होम्योपैथिक, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, सामान्य चिकित्सक, सर्जन, आपातकालीन चिकित्सक, दंत चिकित्सक, बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ या प्रसूति रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, त्वचा विशेषज्ञ, नेफ्रोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक, न्यूरोलॉजिस्ट, पोडियाट्रिस्ट, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, रुमेटोलॉजिस्ट, एलर्जिस्ट / इम्यूनोलॉजिस्ट, पल्मोनोलॉजिस्ट, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ऑन्कोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, ओटोलरींगोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ओर्थपेडीस्ट से डॉक्टरों का एक समूह बनाया जाये और इस समूह को जमीनी स्तर से गठित करके ऑनलाइन स्तर तक ले जाया जाये… इस समूह में सरकारी और निजी डॉक्टर एक साथ सम्मिलित हो जिससे रोगियों को परेशानी कम होगा, उन्हें स्वास्थय लाभ शीघ्र होगा और सारे डॉक्टरों में आपसी समान्यजस्य भी बरक़रार होगा
उदहारण के तौर पर उनका कहना है की मान लीजिये किसी सरकारी अस्पताल में किसी विशेष विभाग के डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और सरकारी डॉक्टर की जानकारी में कोई निजी डॉक्टर हैं जो उस क्षेत्र के है तो उन मरीजों को वहां भेज सकते हैं…
यही प्रक्रिया निजी डॉक्टरों को सरकारी और अन्य निजी डॉक्टरों के प्रति हो तो हम अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन कर सकते है और मरीजों को भी समय पर सटीक उपचार मिल सकेगा…
प्रत्येक डॉक्टर अपने निजी
फायदे और रोगी खोने की असुरक्षा को छोड़ कर अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित कर कार्य करे तो वो ज्यादा सराहनीय कार्य होगा।
परन्तु यह सामंजस्य बनाना तभी मुमकिन है जब एक समूह बनाया जाये और सभी आपस में अपने निजी विचार साझा करे
जैसे देश की सेना आपस में समान्यजस्य बनाये रखने के लिए अभ्यास युद्ध करती हैं