मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक मंडल लखनऊ प्रताप नारायण सिंह से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की लखनऊ मंडल इकाई के पदाधिकारियों मंडल अध्यक्ष महेश मिश्रा, मंडल कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी, मंडल महामंत्री श्वेता ने वार्ता की तथा बिंदुवार निम्न मुद्दों को संज्ञा नित किया।
जिसमे मुख्यत: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्तर व खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्तर से किए गए निरीक्षण के उपरांत की गई कार्यवाही के संबंध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश संख्या 1/ 2015 / 13 / 9 / क 1- 2015 दिनांक 22 अप्रैल 2015 का आदेश पालन नहीं किया जा रहा है ।शिक्षकों का शोषण बढ़ रहा है शैक्षिक महा संगठन की महामंत्री डॉक्टर श्वेता ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक जी को अवगत कराया कि किसी शिक्षक के विरुद्ध की गई कार्यवाही के प्रकरण की जानकारी संबंधित शिक्षक को दिए बगैर ही अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई कर दी जाती है और कार्यवाही से संबंधित आदेश भी संबंधित शिक्षक को नहीं दिया जाता और ना ही उससे अनुपस्थिति के कारण को जानने हेतु स्पष्टीकरण लिया जाता है, इसके पहले ही एक दिन के वेतन अवरूद्धिकरण की कार्यवाही हो जाती है किसी भी प्रकरण में शिक्षक को अपनी बात रखने व स्पष्टीकरण देने का समय दिया जाए तदुपरांत असंतुष्ट होने पर ही 1 दिन का वेतन अवरुद्ध किया जाए जिससे कि शिक्षकों को विभिन्न दफ्तरों के चक्कर लगाने से बचाया जा सके।
मंडल कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने अवगत कराया की जनपद लखनऊ में फरवरी 2009 के नियुक्त शिक्षकों को सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नत के अंतर्गत वित्तीय स्त्रोतनयन प्राप्त हुआ है परंतु शासन आदेशों की अवहेलना कर प्रभावित शिक्षकों को चयन वेतनमान यदि दिया जा रहा है तो जुलाई माह में वेतन वृद्धि नहीं दी जा रही है जबकि कनिष्ठ अगस्त और अक्टूबर 2009 के नियुक्त शिक्षक चयन वेतनमान और इंक्रीमेंट दोनों का लाभ जुलाई से प्राप्त करते हुए वेतन क्रम में वरिष्ठता को प्राप्त कर रहे हैं जिससे वरिष्ठता नियमावली का उल्लंघन हो रहा है। मंडल अध्यक्ष महेश मिश्रा ने अवगत कराया कि लखनऊ जनपद के कुछ शिक्षक दिन की नियुक्ति 2009 की ही है वित्त एवं लेखा कार्यालय द्वारा अनियमितता बरते 2009 की नियुक्ति होने के बावजूद चयन वेतनमान और वार्षिक वृद्धि दोनों का लाभ जुलाई में पा रहे हैं जिससे 2 तरीके की अनियमितताएं उत्पन्न हो रही हैं एक तो समान तारीख को नियुक्त हुए शिक्षक अपने साथियों से ही वेतन क्रम में कनिष्ठ हो रहे हैं दूसरा बाद की नियुक्ति बाय शिक्षक भी दोनों का लाभ पा रहे हैं जिससे एक बड़ी अनियमितता को उत्पन्न किया जा रहा है इसे तत्काल संज्ञान में लेते हुए अनियमितता दूर कराने हेतु सक्षम अधिकारियों कोआदेशित करें । नियमानुसार संतोषजनक सेवा के 10 वर्ष उपरांत वित्तीय स्त्रोतनयन प्राप्त सभी शिक्षकों को वेतन वृद्धि प्रदान की जानी चाहिए इस हेतु ध्यान आकर्षित करने का अनुरोध करते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मंडल अध्यक्ष महेश मिश्रा ने लेखा विभाग लखनऊ द्वारा की जा रही अनियमितता को उजागर करते हुए इसे दूर कराने का आग्रह किया।
रीना त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रकरण में कई बार संगठन द्वारा भी वित्त एवं लेखा अधिकारी लखनऊ का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद समस्याओं का निस्तारण नहीं किया जा रहा है जबकि उक्त शासनादेश के निर्देशों के अनुपालन में अन्य जनपदों बरेली ,ललितपुर, फतेहपुर ,मैनपुरी ,झांसी, हरदोई गोरखपुर, औरैया इत्यादि में नियमानुसार वेतन वृद्धि और चयन वेतनमान निर्धारण करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने मंडली सहायक शिक्षा निदेशक महोदय का ध्यान भ्रष्टाचार व शोषण से मुक्त बेसिक शिक्षा विभाग में समय अंतर्गत कार्यों के निस्तारण हेतु भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के अनुसार सीतापुर जनपद की तरह अन्य जनपदों में भी लागू करने का आग्रह किया जिससे जो भी शिक्षक ऑनलाइन अवकाश लेना चाहता है और इसके लिए आवेदन करता है उसे निर्धारित समय के यह अवकाश स्वीकृत किया जाए।
इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को संज्ञान में लेते हुए मंडली सहायक शिक्षा निदेशक प्रताप नारायण सिंह ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ संगठन के शिक्षक हित में किए गए अनुरोध को और समस्याओं के समुचित निस्तारण विभाग द्वारा शीघ्र ही कराए जाने का पूर्ण आश्वासन दिया।