हाफिज ने कहा :परिवार के साथ ही मनाएं बकरीद,गरीबों की मदद करना ही असली त्याग है
संवाददाता–मो०शमशाद आलम
करगहर –कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर त्याग, बलिदान व कुर्बानी का पर्व इस बार फिका रहेगा। लॉकडाउन के कारण बाजार नही खुलने से लोग पर्व के तैयारी को लेकर सही ढंग से कोई खरिदारी नही कर सके है। साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर बकरीद के मौके पर सामूहिक नमाज भी अदा नही कर सकेंगे। न ही एक दूसरे के गले मिल सकेंगे। कोरोना सकंमण को लेकर इस बार अपने घरों में ही रहकर नमाज पढ़ा जाएगा व एक दूसरे को बधाई दिया दिया जाएगा।
इस संबंध मे जानकारी देते हुए ने हाफिज रजब अली ने बताया की बकरीद पर्व त्याग, बलिदान व आपसी सौहार्द कायम रखने का पर्व है। लोग इस पर्व को अपने परिजनों के साथ मिलकर मनाते है और एक दूसरे को बधाई देते है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए जारी लॉकडाउन के दौरान सामूहिक नमाज नही पढ़ा जाएगा। न ही किसी को कोई गले से मिलकर बधाई देगा। इस लॉकडाउन के दौरान अपने व अपने परिवार के सुरक्षा को लेकर सभी अपने घरों में ही नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करेंगे।उन्होंने बताया की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण ईद से खराब हालात आज बकरीद में है। कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोग घर में ही अपने परिवार के साथ ईद – उल – अजहा का पर्व मनाएं। सरकार की ओर से दी गई गाइडलाईन का फॉलो करें। लॉकडाउन के कारण इस बार बकरीद पर सामूहिक नमाज नही होगी। आप सभी अकीदतमंद घर पर ही नफील पढ़े। गरीबों की जरूर मदद करें। और इस कोरोना को लेकर मुस्लिम समुदाय के सभी लोग घरों में रहकर भी बकरीद मनाऐंगे। साथ ही अपने व अपने परिवार के सुरक्षा को लेकर घर में ही रहकर नमाज अदा करेंगे। बकरीद के मौके पर गरीबों की मदद करें । गरीबों का मदद करना ही असल त्याग व कुर्बानी का पर्व माना गया है।