संवाददाता–मो०शमशाद आलम
करगहर – निजी स्कूलों के शिक्षकों को लॉकडाउन के कारण मार्च माह से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक तंगी का शिकार हो रहे है। उनमें से कई लोग खेती व मजदुरी करने के लिए मजबूर हो गए हैं। शिक्षकों ने बताया कि 15 मार्च से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू होते समय सरकारी निर्देश और जारी परिपत्र के अनुसार शिक्षकों को वेतन मिलना चाहिए था लेकिन अभिभावक बच्चों का फीस स्कूल का नही दे रहे है इस लिए स्कूल प्रबंधक भी शिक्षकों का मार्च से अब तक फीस नही दे पा रहे है।और नही तो कई स्कूलो बंद होने जा रही है क्योंकि की जो स्कूल किराये के मकान में चलता था वह मकान मालिक किराया मांग रहे है, नही मिलने कारण अपने मकान से स्कूल हटा रहे है।जिसके लेकर कई स्कूल बंद होने की स्थिति में हो गई है।एक स्कूल बंद होने से बारह शिक्षकों के परिवार के सामने भुखमरी और उत्पन्न हो सकती है। करगहर क्षेत्र के निजी स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण गत तीन माह से लॉकडाउन है। इसके चलते निजी स्कूल बंद होने से इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक व शिक्षिकाएं बेरोज़गार हो गए हैं। हमारे पास आजीविका चलाने के लिए निजी स्कूल की नौकरी के अलावा कोई स्रोत नहीं हैं। क्या कहते है शिक्षक रम्भू कुमार सिंह कहते है की मेरे पास राशन कार्ड नहीं हैं। इससे उन्हें सरकार से मुफ्त खाद्यान्न और आर्थिक सहायता भी नहीं मिल पा रही है।
पिछले तीन महीने से तनख्वाह नही मिलने से अब भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।किसी तरह सब्जी बेचकर गुजारा कर रहे है। शिक्षक रतन कुमार मिश्रा बताते है की तनख्वाह नही मिलने के कारण जो कुछ बचा कर रखा था वह भी अब खत्म हो चुका है अगर मैं मजदूरी करना भी चाहता हूं तो लोग कहते है क्या मजाक करते है मास्टर साहब अब समझ में नही आता है क्या करू। शिक्षक मुबारक अंसारी एवं धमेंद्र शर्मा ने कहा की विद्यालय शिक्षकों की मेहनत से चलती है हम निजी शिक्षक बहुत ही कम तनख्वाह में अपनी सेवा देते है बच्चों के साथ साथ स्कूल को भी सींचने में कोई कसर नही छोड़ते है लेकिन जब आज हमें जरूरत है तब अभिभावक व विद्यालय ने हमारा साथ छोड़ दिया।