संवाददाता–मो०शमशाद आलम
करगहर-– पूरे विश्व में जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है उसी रफ्तार से बिहार के गांवों में अंधविश्वास भी बढ़ने लगा है। लोग अब कोरोना बीमारी को कोरोना माता मान कर पूजा करने लगे है। शुक्रवार को करगहर प्रखंड के कई गांवों में महिलाओं ने कोरोना माता की पूजा की। प्रखंड के कुम्हिला,बबन बरेहंटा,शिवपुर सहित दर्जन भर गांव में महिलाओं ने कोरोना माता की पूजा की। महिलाओं से पूछे जाने पर कि यह आपको कैसे मालुम की कोरोना बीमारी नहीं कोरोना माता है। तब बताती है कि सभी जगह यह चर्चा है कि कोरोना माता एक महिला के सपने में आयी थी। बोली की मैं बीमारी नहीं देवी हूं। जब तक लोग हमारी पूजा नहीं करेंगे। मैं जाने वाली नहीं हूं। इसी तरह से लोगों का जान लेती रहूंगी। यह पूछे जाने पर कि किसके सपने में कोरोना माता आई थी। और वह कहा कि रहने वाली है। इसका जबाब किसी के पास नहीं है। लेकिन वे कापुी श्रद्धा के साथ गांव के बाहर खेत में साफ-सफाई कर 9 लड्डु और 9 लौंग चढ़ा कर धुप अगरबती जलाकर माथा टेक रही है। उन्हे विश्वास है कि कोरोना माता की पूजा से कोरोना के प्रकोप से बचा जा सकता है। इस अंधविश्वास कहे या गांव में शिक्षा का अभाव यह समझ से बाहर है। समूह में पूजा करने जाने वाली महिलाओं को कोरोना संक्रमण के संबंध में जानकारी देकर जागरूक करने की आवश्यकता है।