ETV News 24
करियरदेशबिहाररोहतास

निजी स्कूलों के शिक्षकों की दशा दयनीय, भुखमरी की नौबत

संवाददाता–मो०शमशाद आलम

करगहर – : यूं तो कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन का खामियाजा प्रतिदिन कमाने खाने वाले से लेकर आम आदमी तक बहुतेरे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन, इसका बड़ा खामियाजा निजी स्कूलों के शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन में चूंकि स्कूलों का संचालन नहीं हो रहा है। ऐसे में निजी स्कूलों में फीस जमा नहीं हो पा रहा है। जिससे प्रबंधन अपने शिक्षकों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं।

इस परिस्थिति में पिछले दो माह से वेतन नहीं मिलने से ये शिक्षक आíथक संकट से जूझ रहे है। उनके पास जो कुछ जमापूंजी था वह अब तक के लॉकडाउन में खत्म हो गया है। ऐसे में ये शिक्षक भारी परेशानियों के दौर से गुजर रहे हैं। जो घर से संपन्न हैं उनके लिए तो किसी तरह की परेशानी नहीं है। वे अपना जुगाड़ किसी तरह से कर ले रहे हैं या फिर स्थानीय हैं तो उन्होंने किराए का मकान छोड़कर गांव में डेरा जमा लिया है। परन्तु, जो किराए के मकान में रहकर शिक्षण का कार्य करते हैं उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्हें घर भी चलाना है और मकान मालिक का किराया भी देना है। जबकि, पैसा आने का स्त्रोत बंद हो चुका है। ऐसे में उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है।

उधार देने से मना कर रहे दुकानदार, दूधवाला मांग रहा पैसा

निजी स्कूलों में मामूली वेतन पर काम करने वाले शिक्षकों का लॉकडाउन में दुकानदारों ने भी साथ छोड़ दिया है। लॉक डाउन का हवाला देकर दुकानदार उन्हें उधार देने से मना कर रहे हैं तो दूधवाला भी पैसों का तगादा करने लगा है। उधर, किराए के मकान में रहने वालों के लिए मकान मालिक के किराए का अलग ही टेंशन है। ऐसे में शिक्षकों के समक्ष बेबसी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वे परिवार का भरण-पोषण कैसे करें समझ नहीं पा रहे हैं।

आमदनी का दूसरा स्त्रोत ट्यूशन पर भी लटका है ताला

महज दो हजार से ढाई हजार रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर निजी स्कूलों में शिक्षण का कार्य करने वाले शिक्षकों के आय का दूसरा स्त्रोत ट्यूशन भी होता है। चूंकि, वे स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं। ऐसे में वे बच्चे उनके पास ट्यूशन भी पढ़ने चले जाते हैं। इस लिहाज से ट्यूशन इन शिक्षकों के आय का दूसरा स्त्रोत माना जाता है। लेकिन, लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के साथ-साथ ट्यूशन में भी ताला लटक गया है। लिहाजा, शिक्षकों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

फीस देने की अभिभावकों से अपील कर रहे शिक्षक

फीस नहीं मिलने के कारण जब निजी स्कूल प्रबंधन इन शिक्षकों को पैसा नहीं दे रहे हैं तो इस परिस्थिति में अब ये अभिभावकों से यह अपील कर रहे हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई के एवज में अभिभावक बच्चों की फीस अदा कर दें। ताकि, उसके माध्यम से उनके दो जून की रोटी का भी जुगाड़ हो जाए। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कुछ शिक्षकों का कहना था कि कोरोना संकट में सब सहयोग का हाथ बढ़ा रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों का यह सहयोग उनके लिए सहायता राशि साबित हो सकती है।

Related posts

श्यामा प्रसाद मुखर्जी का*मनाया गया बलिदान दिवस

ETV News 24

टीचर्स ऑफ बिहार का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “कू ऐप” पर सदस्यों की संख्या हुई पंद्रह हज़ार के पार

ETV News 24

दो समुदायों के बिच सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर दो लोग मनोज साह तथा असगर अंसारी को किया गया गिरफ्तार

ETV News 24

Leave a Comment