दलित आरक्षण का बंटवारा नहीं होगा तक वंचित दलितों का अधिकार नहीं मिलेगा :मोहन राम डेहरी ओन सोन रोहतास
राष्ट्रीय वंचित दलित समाज अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव मोहन राम ने ईटीवी न्यूज़ 24 को बताया कि राष्ट्रीय वंचित दलित समाज अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य महादलित आयोग बिहार सरकार के पूर्व सदस्य श्री तूफानी राम , मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफ़ेसर अशोक कुमार तथा मोर्चा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं डॉक्टर अंबेडकर फैलोशिप सम्मान से सम्मानित मोहन राम ने अपने वक्तव्य में कहा है कि बिहार राज्य में दलितों की संख्या लगभग दो करोड़ है जिसमें लगभग 90% वंचित दलित आज फटेहाली एवं गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं ।इन्हें आज तक संवैधानिक अधिकार एवं दलित आरक्षण से वंचित रखा गया है। संविधान में सभी अनुसूचित जातियों को आरक्षणका लाभ देने का प्रावधान बनाया गया है ।बिहार में कुल 23 अनुसूचित जातियां हैं जिसमें सरकारी नौकरियों एवं सदनों में केवल तीन चार अनुसूचित जाति के लोग हैं जो 70 वर्षों से आरक्षण का लाभ लेते आ रहे हैं। शेष 18 जातियो को आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया परिणाम स्वरूप वंचित दलितों का विकास आज तक नहीं हो पाया । तीनों नेताओं ने देश के प्रधानमंत्रीआदरणीय श्री नरेंद्र मोदी एवं महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से न्याय दिलाने एवं वंचित दलितों के हित को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति के आरक्षण को दो भागों में बांटने (एसी वन -एसी टू) का अपील किया है। ताकि वंचित दलितों को भी आरक्षण का लाभ मिल सके जब तक दलित आरक्षण का बंटवारा नहीं होगा तब तक वंचित दलितों को अधिकार नहीं मिल सकेगा ।रापष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तूफानी राम ने कहा है कि समस्या केवल प्रतिनिधियों का नहीं है बल्कि राज्य के सभी दलितों को आरक्षण का अधिकार देने का है। श्रीराम ने देश के आदरणीय प्रधानमंत्री एवं महामहिम राष्ट्रपति महोदय से यह मांग किया है कि इन दो करोड़ दलितों के दुःख दर्द जानने के लिए समीक्षा कराने का अपील किया है। देश के माननीय उच्चतम न्यायालय ने वंचित दलितों को भी आरक्षण का लाभ देने का भावना व्यक्त किया है।