सेंटर फॉर कैटेलाईजिंग चेंज एवं लोक माध्यम के द्वारा विश्व माहवारी स्वछता दिवस के अवसर पर पटना जिला के मसौढ़ी एवं पालीगंज प्रखंडों की चैम्पियन परियोजना में शामिल महिला वार्ड सदस्यों ने कोरोना महामारी से उत्पन्न समस्याओं के बीच शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का उद्देश्य इस विषय पर समझ विकसित करना व कोरोना महामारी के बीच ग्राम स्तर पर एक माहौल तैयार करना था ताकि खुल कर इन विषयों पर बातचीत हो सके. कार्यक्रम के दौरान महिला वार्ड सदस्यों ने इन विषयों पर अपने स्वयं के अनुभव साझा करते हुए लोगों को संदेश देने का कार्य किया. महिला वार्ड सदस्यों ने बताया की आधुनिकता एवं शिक्षा के बाबजूद आज भी इन मुद्दों पर बात करना सहज नहीं हैं. परिवार में अपने बच्चों के साथ जानकारी बांटने में भी लोगों कोई झिझक महसूस होती है. समाज में अभी भी बहुत लोग हैं जिनको लगता है की मासिक धर्म अपराध से कम नहीं है एवं बहुत सारे परिवार में माहवारी के दौरान लड़कियों, महिलाओं को अलग थलग किये जाने का प्रचलन बहुत जगह विद्यमान है. जिसकी वजह से किशोरियो एवं महिलाओं के लिए भी यह प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया को लेकर शर्म और झिझक बनी रहती है. इसका दुष्परिणाम माहवारी प्रबंधन के लिए स्वच्छ साधनों जैसे सेनेटरी पैड, साफ़ सूती कपडा का इस्तेमाल ना करना है. महिला वार्ड सदस्यों ने आग्रह किया की बच्चियों की माँ भी इस बारे में अपनी सोच बदलें, इस बारे में अपनी बेटियों को ठीक से बताएं ताकि उनकी बेटी को भी किसी के सामने शर्मिंदा नहीं होना पड़े.
जागरूकता कार्यक्रम में महिलाओं के अलाबा समाज के अन्य तबको को भी शामिल किया गया एवं उनको यह बात समझाई गई की माहवारी कोई हसने का विषय नहीं है. यह प्राकृतिक एवं अत्यंत जरुरी प्रक्रिया है. अगर यह नहीं होती तो आज वे भी नहीं होते. इंसान की उत्पत्ति का आधार माहवारी ही है. इस विषय पर पुरुषों एवं लडकों को भागीदार बनाने का उद्देश्य लड़कियों की इस विषय पर होने वाली हिचकिचाहट को दूर करना और उन्हें भी इन मुद्दों पर सहज बनाना था. इस दौरान समुदाय के लोगों के अपने अपने हाथों में ‘रेड डॉट’ (लाल बिंदी) बनाकर एवं जागरूकता भरे नारों के माध्यम से विभिन्न भ्रांतियों को दूर करने एवं इस विषय पर समाज को जागृत एवं संवेदनशील करने का कार्य किया. कार्यक्रम के दौरान कुछ किशोरियों को वार्ड सदस्यों के द्वारा बिना काली पोलीथीन या अखबार में लपेटे सेनिटरी पैड का भी वितरण किया गया और उनको इस बात का एह्साह कराया गया की यह उनका अधिकार है जो छुपा कर नहीं बल्कि खुल कर लिया जाता है.
महिला वार्ड सदस्यों को आशा है की इस दिवस के माध्यम से माहवारी संबंधित भ्रम एवं भ्रांतियों को दूर कर एक आदर्श और समझदार समाज बनाने में सहायता मिलेगी.