पटना से नीरज कुमार कि रिपोर्ट
पटना कोरोना संकट की महामारी के बीच गरीबों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच पश्चिम चंपारण जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है. दरअसल कुछ लोगों ने एक किसान की सब्जी की फसल और फूस की घर को तहस-नहस कर दिया. हद तो तब हो गई जब वह थाना में इसकी शिकायत करने पहुंचा तो पुलिसवालों ने कहा कि 10 हजार रुपये दो नहीं तो एफआईआर नहीं होगी।
यह मामला पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज इलाके की है. जहां शिकारपुर थाना में तैनात पुलिसकर्मियों के ऊपर कई गंभीर आरोप लगे हैं. दरअसल कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. जिसमें पीड़ित शख्स यह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि घटना की शिकायत करने पर पुलिसवालों ने उससे 10 हजार रुपये मांगे. थाने में पुलिसकर्मी ने उससे कहा कि एफआईआर करना है तो 10 हजार दो, ई बनिया का दुकान नहीं है. ऐसे ही एफआईआर करने चले आये है।इस मामले से जुड़े हुए और भी कई वीडियो सामने आये हैं. जिसमें में थाने के अंदर मुंशी वॉरलेस ऑपरेटर माधव, एसआई श्याम बहादुर ठाकुर और थाना प्रभारी केके गुप्ता नजर आ रहे हैं. साथ ही पीड़ित पक्ष के आवेदन पर एफआईआर करने के लिए पीड़ित से पैसे की मांग की जा रही है. इसमें पीड़ित पक्ष के आवेदन पर एफआईआर करने के लिए पीड़ित से पैसे की मांग की जा रही है. शिकारपुर थाने के मुंशी वॉरलेस ऑपरेटर माधव साफ-साफ बोलते नजर आ रहे हैं कि अगर एफआईआर करना है, तो बड़े बाबू को खर्चा देना होगा. बिना खर्च किए कोई काम नहीं हो सकता. वहीं, वीडियो में पीड़ित बोल रहा है कि लॉकडाउन है, पैसा नहीं है, एक तो हमारा नुकसान हुआ है. ऊपर से पैसे कहां से दें. तब मुंशी माधव जवाब देते हैं कि पैसा तो खर्च