रोहतास/बिहार
श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से जीव को मुक्ति मिल जाती है। जो हमेशा पाप कर्म में लगा रहता है, हमेशा दुराचार करता है, क्रोध में जलता रहता है, कुटिल कामी और दंभी होता है, माता पिता की सेवा नहीं करता है, कलि काल में मुक्ति के लिए ऐसे जीव श्रीमद् भागवत की कथा सुनने से पवित्र हो जाते हैं। श्री त्रिदंडी स्वामी आश्रम डेहरी के महंत व जगद्गुरु औरंगाबाद आचार्य जी महाराज ने कोयल व सरस्वती नदी के संगम पर स्थित बान्दु गांव में गुरुवार की रात श्रीमद् भागवत कथा के क्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हर तरह के विकार दूर हो जाते हैं तथा मानव पाप कर्म से दूर रहता है। श्रीमद् भागवत कथा के सुनने से मन में वैराग्य भक्ति ज्ञान बढ़ने के साथ-साथ विवेक की वृद्धि होती है.। हर तरह के विकार दूर हो जाते हैं तथा मानव पाप कर्म से दूर रहते हैं। उन्होंने कहा कि भक्त और भगवान का संबंध पिता पुत्र का होता है। पुत्र कितना भी गलती करते हैं पिता समझाने और सुधार करने का प्रयत्न करता है। भगवान पालक है जो कृष्ण के शरण में रहता है उसका कभी कोई बाल बांका नहीं कर सकता. वह सभी पापों से मुक्ति पा जाता है। कथा आयोजन में श्याम किशोर पांडे, ध्रुव पांडे समेत अन्य सहयोग करना है।