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नहीं खुले धान क्रय केंद्र, 15 नवंबर से होनी थी खरीदारी

*औने पौने दाम पर धान बेच रहे गरीब किसान*

*नहीं मिल रहे खरीदार, किसान कर रहे धान की रखवाली*

नौहट्टा /रोहतास

प्रखंड में किसानों की दशा को सुधारने के सरकारी प्रयास के बाद भी नहीं सुधर रही है। सरकारी निर्देश के बाद भी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों की धान खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है। लिहाजा किसान औने पौने दामों पर बाजार में धान बेचने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा धान समर्थन मूल्य 1815 रूपये प्रति क्विंटल की दर से घोषित है। लेकिन धान की कटाई होने के बाद बाजार में धान के खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं। इस कारण किसान खलिहान में या घर के दरवाजे पर धान रखकर रखवाली कर रहे हैं।किसानों को बेटी के हाथ पीले करना हो या बेटे पढ़ाई, परिजनों को दवा दारू के अलावे धान कटनी के बाद तुरंत गेहूं के फसल लगाने के लिये मंहगे उर्वरक व बीज की जरूरत है। किसान का सब कुछ फसल पर ही निर्भर है। सरकार के दावों के अनुसार, 15 नवंबर से अधिप्राप्ति का कार्य शुरू करना था। ग्यारह दिसंबर तक नौहट्टा प्रखंड के किसी भी पंचायत में अधिप्राप्ति कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस कारण किसान धान हजार बारह सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिचौलियों के हाथों बेचकर अपनी जरुरतों को पूरा करने में लगे हैं।दूसरी ओर तेरह दिसंबर को पैक्स का चुनाव है। प्रशासन पैक्स चुनाव संपन्न कराने में व्यस्त है। किसानों की समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है। किसानों के हक की लड़ाई पर भाषण देने वाले भी मौन हैं। दारानगर के किसान गोपाल मिश्रा, अशोक चौधरी, भदारा के मुक्तेश्वर सिंह, अजीत सिंह, खैरवा के सीताराम सिंह बनाही के अरूण भारद्वाज आदि कहते हैं कि धान क्रय की सरकारी घोषणा छलावा है। वर्तमान में खेती घाटे का सौदा है। समझ में नहीं आता क्या करें, क्या न करें। अब जैसे तैसे धान की उपज की तो बनिया के देने पर लागत खर्च भी नहीं निकल रहा है। धान क्रय केंद्र को लेकर बीडीओ बैजू मिश्रा ने बताया कि पैक्स के चुनाव के कारण आचार संहिता लगा है। चुनाव बाद समस्या का समाधान होगा।

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