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बिहार राज्य डाटा इंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर संघ बेगुसराय जिला ने सरकार एवं समिति के खिलाफ रोष पूर्ण प्रदर्शन

बेगुसराय/ बिहार

बेगूसराय से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट

बेगुसराय :-बिहार राज्य डाटा इंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर संघ बेगुसराय जिला इकाई के द्वारा संविदाकर्मियों के नियमतिकरण हेतु 2015 में गठित उच्च स्तरीय समिति के पुनः सातवीं बार अवधि विस्तार का बिहार समेत बेगूसराय जिले में भी विरोध दर्ज किया गया । विरोध प्रदर्शन में बेगूसराय समाहरणालय सहित सभी कार्यालयों से बेल्ट्रान के माध्यम से कार्यरत कर्मी एवं डाटा इन्ट्री कंप्यूटर ऑपरेटर प्रोग्रामर आशुलिपिक तथा आई टी बॉयज गर्ल शामिल हुए । उक्त कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ । आज का प्रदर्शन सरकार एवं समिति के खिलाफ रोष प्रदर्शन था ।

संघ के अध्यक्ष अमित जायसवालने बताया कि समिति के बार बार अवधि विस्तार से समिति के रिपोर्ट में वर्णित सेवा शर्त जैसे स्थायी समायोजन उपार्जित अवकाश मातृत्व अवकाश पितृत्व अवकाश विशेष अवकाश सेवांत लाभ मेडिकल सेवा प्रोन्नति एवं नियमित वेतन वृद्धि की सुविधा से लेकर स्थायी कर्मियों की तरह कानूनी अधिकार समेत अन्य सुविधाएं देने के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह लगता दिख रहा है ।
जायसवाल ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत का संविधान लिखने में जहाँ 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगा जिसे विश्व का सबसे बड़ा संविधान कहा जाता है वही दूसरी तरफ समिति का बार बार विस्तारीकरण से 4 साल पूरा हो गया और अभी तक बेनतीजा है ।
संघ के सचिव राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि संविदा कर्मियों के लिए वर्ष 2015 में बनी उच्च स्तरीय समिति जिसमें बेल्ट्रान में कार्यरत कर्मी भी शामिल हैं वो अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द लागू कर कैबिनेट से मंजूरी लेते हुए विभागीय समायोजन किया जाना चाहिए जिससे संबंधित कर्मियों की सारी समस्याओं का निराकरण हो सके ।
संयुक्त सचिव कुन्दन झा ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति का लगातार सातवीं बार अवधि विस्तार होना सरकार के संविदा कर्मियों के सरकारी नियोजन की नीति और उनके उद्देश्यों को पूरी तरह से फेल होना साबित होता है । सक्रिय सदस्य चन्दन कुमार व सुमन सौरव ने कहा कि बेल्ट्रान द्वारा करीब 15 हजार कर्मी बिहार सरकार के विभिन्न विभागों कार्यालयों निगमों में सेवारत हैं। जिनके बीच समिति के बार बार अवधि विस्तार से काफी निराशा उत्पन्न हो रही है ।
महिला मोर्चा की अध्यक्षा पिंकू कुमारी , आभा कुमारी , ब्यूटी , पूनम व कंचन कुमारी* ने बेल्ट्रान द्वारा कार्यरत कर्मियों की आर्थिक दशा का हवाला देते हुए बिहार सरकार से मांग किया है कि सरकार विभागीय स्तर से भुगतान करने की प्रणाली को शीघ्र लागू करें ताकि कर्मियों को ससमय वेतन प्राप्त हो सके ।
अंचल के वरीय ऑपरेटर कुन्दन सिन्हा ने वेतन की लचर व्यवस्था को जल्द से जल्द समाप्त करके प्रत्येक माह वेतन मिलना सुनिश्चित हो इसकी अपील की , विदित हो कि अंचल में कार्यरत ऑपरेटर को विगत 9 माह से अभी तक वेतन अप्राप्त है ।
योजना विभाग के ऑपरेटर सर्वेश कुमार व वाणिज्य कर के ऑपरेटर संजय कुमार ने कहा कि 60 वर्षों की सेवा निर्धारित होने के बावजूद भी विभाग द्वारा अचानक कर्मियों की सेवा वापसी कर्मियों की मानसिक उत्पीड़न का द्योतक प्रतीक होता है , जिसपर सरकार को तत्काल प्रभाव से रोक लगानी चाहिए साथ ही सेवा वापसी के पूर्व किसी भी कर्मी से स्पष्टीकरण पूछना तथा उन्हें अपने पक्ष को रखने का पूर्ण अधिकार उपलब्ध कराना चाहिए । जिला परिवहन विभाग के ऑपरेटर जगजीत कुमार , वीरेंद्र , हेमंत व कोषागार कार्यालय के ऑपरेटर प्रमोद व राजेश कुमार ने बताया कि वेतन विसंगति के कारण हमसभी का मनोबल टूट गया है । वेतन विसंगति में सुधार होना अतिआवश्यक प्रतीत होता है। जिसके लिए सरकार के स्तर पर डाटा इंट्री ऑपरेटर का 2400 ग्रेड पे एवं अन्य बेल्ट्रानकर्मियों के मानदेय को सही मापदंड के साथ शीघ्र लागू करना जरूरी है जिससे बेल्ट्रानकर्मियों की वरीयता के साथ सही न्याय हो सके ।
संघ के सलाहकारों द्वारा कहा गया कि वेतन विसंगति को तत्काल प्रभाव के खत्म करते हुए पुराने अनुभवी कर्मियों का पारिश्रमिक मानदेय वरीयता के आधार पर किया जाना चाहिए । उनके द्वारा यह कहा गया कि 10 वर्षों की सेवा पूर्ण करने वाले सभी डाटा इन्ट्री ऑपरेटरों / कर्मियों को ग्रेड- 1 एवं तीन वर्षों की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मियों को ग्रेड-2 की श्रेणी के बराबर मानदेय भुगतान किया जाना न्याय संगत प्रतीत होगा साथ ही उक्त कर्मियों को एरियर के रूप में बकाया राशि का भुगतान जनवरी 2016 के प्रभाव से किया जाना चाहिए ।
वरीय सदस्यों ने वेतन के लिए बन रहे बिल में ईपीएफ की राशि का कम कटौती का विरोध किया व उसे जल्द से जल्द ठीक करने को कहा ।
संघ के उपस्थित सभी सदस्यों ने एक आवाज में कहा कि अगर सरकार 15 जनवरी 2020 तक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट नहीं लेती है और कैबिनेट से नहीं पारित करवाती है तो संघ चरणबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होगी । आंदोलन के क्रम में संघ धरना प्रदर्शन रैली भूख हड़ताल एवं अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल भी करेगी , जिसकी जिम्मेवारी सरकार की बनेगी ।
सुधांशु , शंभु शरण , राजन , आभा , गौतम , संजय , प्रमोद , रामचन्द्र , मनोज , धीरज , हीरालाल , विक्रमजीत , रवि भूषण , नागबली , अमरेंद्र , संजीत , संतोष , आशीष , कंचन , पूनम , ब्यूटी , चन्दन समेत सैकड़ों ऑपरेटरों ने सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया ।

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