ETV News 24
Other

कुल प्रजनन दर में कमी के लिए सामूहिक सहभागिता जरुरी: सिविल सर्जन

सीफार के सहयोग से परिवार नियोजन पर मीडिया कार्यशाला आयोजित

परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों पर हुयी विस्तृत चर्चा

• महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी अधिक सुरक्षित एवं आसान

• ग्रामीण एवं वंचित समूहों में जागरूकता की अधिक जरूरत

लखीसराय/बिहार

विगत कुछ वर्षों में राज्य के कुल प्रजनन दर में कमी आयी है. अभी राज्य की कुल प्रजनन दर 3.2 है. जिसका आशय है एक महिला अपने सम्पूर्ण प्रजनन अवधि में 3 से अधिक बच्चों को जन्म देती है. इस प्रजनन दर में कमी लानी होगी. सरकार द्वारा आगामी वर्षों में राज्य के कुल प्रजनन दर को 3.2 से घटाकर 2.1 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयास कर रही है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के साथ मीडिया की भूमिका अहम है. यह बातें सिविल सर्जन डॉ. सुरेश शरण ने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफ़ार) के सहयोग से परिवार नियोजन पर आयोजित कार्यशाला के दौरान कही.
पुरुष नसबंदी अधिक सुरक्षित:
सिविल सर्जन डॉ. शरण ने कहा परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य एक खुशहाल परिवार निर्मित करना है. इसके लिए दो बच्चों के जन्म में कम से कम 2 साल का अंतराल जरुरी है. इसके लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोली एवं नवीन गर्भनिरोधक साधन अंतरा एवं छाया कारगर है. प्रसव के बाद कॉपर टी भी बच्चों में अंतराल रखने का एक कारगर उपाय है. उन्होंने बताया महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी अधिक आसान एवं सुरक्षित है. इससे किसी भी तरह की मर्दाना या शारीरिक कमजोरी नहीं होती है. इसलिए पुरुषों को भी नसबंदी के लिए आगे आना चाहिए. इसमें मीडिया की सकारात्मक भूमिका से लोगों तक परिवार नियोजन साधनों की जानकारी मिल सकेगी. उन्होंने मीडिया कर्मियों से परिवार नियोजन पर जागरूकता बढ़ाने की अपील की. इस दौरान सीफार के राज्य प्रबंधक रणविजय कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर चर्चा की.

बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के साथ कुपोषण में कमी:

केयर इंडिया के डीटीएल नवेद उर रहमान ने बताया परिवार नियोजन कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ़ जनसंख्या स्थिरीकरण तक सीमिति नहीं है, बल्कि परिवार नियोजन बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में असरदार भी है. परिवार में 2 से अधिक बच्चों के जन्म के कारण बच्चों को जरुरी देखभाल प्राप्त नहीं हो पता है, जिससे बच्चों में कुपोषण की समस्या भी होती है.

100 से अधिक सास-बहू सम्मलेन:

नवेद उर रहमान ने बताया परिवार नियोजन पर समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए आरोग्य दिवस पर सास-बहू सम्मलेन का भी आयोजन किया जा रहा है. इसमें परिवार नियोजन की जरूरत एवं इसके फायदों के विषय में बात की जाती है. अभी तक इस वर्ष 100 से अधिक सास-बहू सम्मलेन का आयोजन किया जा चुका है.

जिले में परिवार नियोजन साधनों की पर्याप्त उपलब्धता:

जिला कार्यक्रम प्रबंधक जिला स्वास्थ्य समिति मोहम्मद खालिद हुसैन ने बताया परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की पर्याप्त उपलब्धता जिले में करायी गयी है. स्वास्थ्य उपकेंद्रों से लेकर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सदर अस्पताल में कंडोम सहित अन्य साधनों की भी पर्याप्त उपलब्धता है. लेकिन अभी भी लोगों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के विषय में जानकारी का आभाव है. जिसके कारण उनके तरफ़ से साधनों की मांग नहीं हो पाती है. इस ध्यान में रखते हुए सामुदायिक स्तर पर आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी लोगों को जागरूक कर रही है. लेकिन अभी भी ग्रामीण एवं वंचित समूहों में परिवार नियोजन पर जागरूकता का आभाव है. उन्होंने कहा मीडिया के सहयोग से जागरूकता को बढाया जा सकेगा.
इस दौरान सीफार से रंजीत एवं श्याम त्रिपुरारी, केयर इण्डिया से डॉ. भावना एवं अनुराग गुंजन, जीविका की जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनिता कुमारी के साथ इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिंट मीडिया के लोग उपस्थित थे.

Related posts

नाबालिग युवती का अपहरण

ETV NEWS 24

हत्या के मामले में चार अभियुक्त दोषी

admin

लालू परिवार और बहू ऐश्वर्या के बीच की लड़ाई

admin

Leave a Comment