जहानाबाद/बिहार:– जर्जर भवन, पर लगती है लंबी कतार।आए दिन स्वास्थ्य विभाग के कारनामे लोगों को हैरत में डालते रहती है। कुछ ऐसा ही बोर्ड जिले के सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड केंद्र के पास लगा है।. केंद्र के पास बोर्ड में स्पष्ट लिखा है खतरनाक इस भवन के पास न खड़े रहें और न बैठे। लेकिन अल्ट्रासाउंड कराने वाले मरीजों की मजबूरी है वहां कतार में खड़ा होना पड़ता है। ऐसे में सरकारी अस्पताल से लोगों को जोड़ने की स्वास्थ विभाग की मुहिम को यह करारा धक्का लगा रहा है.। इस बोर्ड को देखते ही मरीज डर जाते हैं.। परिणाम स्वरूप जो लोग आर्थिक रूप से सबल होते हैं बैरग वापस लौट कर निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र में चले जाते हैं।. लेकिन गरीब तबके के लोग आखिर कहां जाए. उसके सामने तो बीमारी से निजात पाने कि मजबूरी है।. जिसके कारण डरे सहमे कतार में अपनी बारी के इंतजार के लिए उन लोगों को खड़ा रहना पड़ता है । यहां यह सवाल उत्पन्न होता है कि जब यह कमरा इस कदर जर्जर है कि अस्पताल प्रशासन को चेतावनी का बोर्ड लगाना पड़ा तो फिर इसका संचालन दूसरे कमरे में क्यों नहीं हो रहा है. । यह हालात अस्पताल प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना हरकत को उजागर कर रहा है.। अल्ट्रासाउंड केंद्र के जर्जर भवन के बावजूद भी मरीजों को कतार में खड़ा होना पड़ता है.। यदि अल्ट्रासाउंड केंद्र का कमरा बदला नहीं गया तो लोग धीरे-धीरे इस केंद्र से ही अपनी दूरी बना लेगें। जिससे आम लोगों को सरकारी अस्पताल से जोड़ने की सरकार की मुहिम पर करारा धक्का लगेगा.। हालांकि इस जर्जर हालात के कारण पहले भी प्लास्टर के टूटकर गिरने से लोगो को चोटें भी आ चुकी है।. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधक द्वारा स्थाई निदान निकालने की पहल नहीं की जा रही है।. हद तो तब हो जाता है जब इस संबंध में सदर अस्पताल के अधीक्षक यह बयान देते हैं कि लोगों को सतर्क रहने के लिए यह बोर्ड लगाया गया है। उनके इस बयान से यह समझना मुश्किल हो रहा है लोग सतर्क रहकर उस कमरे की ओर नहीं जाएंगें तो फिर अपना अल्ट्रासाउंड कैसे कराएंगे । अस्पताल प्रशासन के द्वारा खतरनाक घोषित तथा सतर्कता के बोर्ड लगाए जाने के बावजूद भी लोगों को वहां खड़े रहने की मजबूरी स्वास्थ्य विभाग की जमीनी सच्चाई को उजागर कर रहा है।
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