संस्थानों के बंद होने के बाद बच्चों ने गूगल और यूट्यूब से डिजिटल फॉर्मेट से की पढ़ाई
संवाददाता तिलौथू प्रीती कुमारी
इस वर्ष कोरोना का भयंकर रूप की वजह से छात्रों ने डिजिटल की उपयोग से शिक्षा ना नया आयाम देखा जहां सभी लोग डिजिटल की माध्यम से नया नया तरीका और नया विचार मिला। शैक्षणिक संस्थानों के बंद की वजह से छात्र् अभिभावक और शिक्षकों पर इसका बहुत बडा व्यापक असर दिखाई दिया है। जिले के अभी सरकारी व् निजी स्कूलों के छात्रो ने अपने पढ़ाई को निरंतर रखने के लिए पुररोज् प्रयास किया है। तो वहीं दूसरी ओर बताते चलें की सरकारी स्कूलों में जहां दूरदर्शन के माध्यम से बच्चों को जोड़ने का प्रयास किया है, तो वहीं निजी स्कूलों में भी ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया है। जिले के 45 हज़ार से ज़्यादा छात्रों ने कोरोना काल में ऑनलाइन के जरिय् शिक्षा प्राप्त की है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिले में निजी व् सरकारी स्कूलों के छात्रों का संख्या कुल मिलकर पाँच लाख है। इसमें से 40 फीसदी ऐसे बच्चे हैं जो कोरोना काल में भी ऑनलाइन ये माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखी। तो वहीं आपको बताते चलें की प्रतियोगि परीक्षाओं के विद्यार्थी की भी तैयारी ऑनलाइन के माध्यम से गूगल और यूट्यूब के प्लेटफार्म से अपनी पढ़ाई को जारी रखा। बिहार बोर्ड के छात्रों को जहां पढ़ाई करने से लेकर जो बाधा आई है, वहीं डिजिटल से पढ़ाई करने वाले को इस वर्ष बहुत सारी जानकारिया हुई है। सीबीएस ई विद्यालयों के बच्चोंं ने दिक्षा और वेदन्तु ऐप के माध्यम से अपना शिक्षा प्राप्त किया।