सासाराम ब्यूरो चीफ संदीप भेलारी
सासाराम
रोहतास जिला में लॉक डाउन को देखते हुए कल 3 मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाया गया प्रेस दिवस का मतलब होता है पत्रकारों की स्वतंत्रता और जो भी खबर लिखें स्वतंत्र होकर सभी सच्चाई को अपनी कलम के द्वारा दर्शकों तक पहुंचाना परंतु प्रेस दिवस में कई पत्रकार मायूस दिखाई दिए क्योंकि पत्रकारों का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी के बीच जाकर समाचार को लेकर और टेलीविजन तथा अखबारों में दिखाना हमारी प्राथमिकता है परंतु प्रेस की आजादी को पूर्ण रूप से आजाद होकर समाचार नहीं लिखने दिया जाता है कई पत्रकारों ने सच्चाई लिखा तो अपनी खुद जान गवा दिया फिर भी सभी पत्रकार सच्चाई का सामना करते हुए निडर होकर हर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करते हैं मायूस होने का मुख्य कारण है कि जिस तरह से पुलिसकर्मी चिकित्सक कर्मी सफाई कर्मी को कोविड-19 में सम्मानित किया जाता है या उनकी प्रशंसा की जाती है उस तरह से आज तक किसी पत्रकार को सम्मानित नहीं किया गया और ना ही किसी ने प्रशंसा ही की फिर भी अपनी जिम्मेवारी को पूर्ण रूप से जान हथेली पर लेकर हर खबर को पल-पल की जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं विश्व प्रेस दिवस की आजादी पर सरकार को भी ध्यान रखनी चाहिए क्योंकि हम पत्रकार भी कोरोना वायरस के बीच से गुजर कर खबरें उठाकर प्रमुखता से दिखाते हैं जितनी कठिन कार्य प्रशासन चिकित्सक सफाई कर्मी करते हैं उतना ही कठिन कार्य हम भी करते हैं हम पत्रकारों को केवल सम्मान ही काफी है किंतु उनसे भी हम वंचित रह जाते हैं कल 3 मई को विश्व प्रेस दिवस आजादी के अवसर पर भी हम सब ने मिलकर पल-पल की खबरें लोगों तक पहुंचाते रहे और हमेशा पहुंचाते रहेंगे।