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सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना वैश्विक महामारी के ऊपर जागरूकता फैला रही डॉ उषा विद्यार्थी

कोरोना के ऊपर जागरूकता की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बिहार राज्य में एक अनोखा मुहीम ‘कोरोना हारेगा, देश जीतेगा’, माननीय जन प्रतिनिधियों के समूह द्वारा शुरू किया गया है. इस मुहीम में अब तक 87 से ज्यादा जन प्रतिनिधियों (यथा सांसद, विधायक, विधान पार्षद, अध्यक्ष, जिला परिषद) शामिल हो चुके हैं. ये जन प्रतिनिधि अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल यथा फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्स एप इत्यादि पर रोजाना कोरोना के ऊपर आकर्षक एवं प्रेरणादाई जागरूकता सन्देश ड़ाल कर अपने क्षेत्र के लोगों में कोरोना का सामना डट कर करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं साथ ही साथ सावधानी बरतने के लिए आग्रह भी कर रहे हैं. इन प्रतिनिधियों ने भारत सरकार एवं बिहार सरकार द्वारा दिए जा रहे सहायता, विभिन्न वर्गों को लाभ, हेल्पलाइन नंबर इत्यादि से संबंधित जानकारीयों को भी लोगों तक पहुँचाने का बखूबी कार्य किया है. इन प्रतिनिधियों के द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से लोगों के साथ संवाद सुनिश्चित कर उनको हो रही असुबिधाओं को भी दूर करने का प्रयास एवं जानकारीवर्धन का कार्य किया है.
पालीगंज की पूर्व विधायक एवम् वर्तमान में राज्य महिला आयोग की सदस्य के रूप में योगदान देने वाली डॉ उषा विद्यार्थी इस मुहीम को शुरू करने वाले जन प्रतिनिधियों में अग्रणी भूमिका में हैं.
माननीय सदस्य के द्वारा कोरोना के ऊपर जागरूकता भरे पोस्ट डालने के अलावा इस वैश्विक महामारी के समय महिलाओं, किशोरियों एवम् बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी सेवाएं कैसे प्रभावित हो रही है, के ऊपर चिंता जाहिर की जा रही है एवम् इन मुद्दों के ऊपर वे सरकार को अपनी व्यक्तिगत सुझाव भी देने से नहीं चूक रहीं हैं।

डॉ विद्यार्थी का मानना है कि कोरोना के भय एवम् वर्तमान
स्वास्थ्य की जरूरत के अनुसार मातृत्व स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं पर कम ध्यान के दूरगामी प्रभाव समाज पर पड़ सकते हैं।
दशकों की मेहनत जो वर्तमान सरकार द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित सूचकांकों की बेहतरी के लिए की गई है वो एकदम धड़ाम से नीचे गिर जायेगी, इसलिए वे चाहती है कि सरकार इस सामंजस्य स्थापित कर कुछ ऐसी व्यवस्था करे ताकि महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच की सुविधा, टीकाकरण, अस्पताल में सामान्य एवम् आप्रेशन द्वारा प्रसव की सुविधा, गोद भराई दिवस, अन्नप्राशन दिवस एवम् परिवार नियोजन के साधन इत्यादि सुलभ होने में कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।

दूसरे राज्य में फंसे हुए बिहार के एवं अपने विधान सभा एवं जिला के लोगों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से राहत पहुँचाने का भी कार्य बखूबी किया जा रहा है. माननीय पूर्व विधायक द्वारा अपने एक महीने के मासिक वेतन को कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए सुपुर्द किया है एवं इसे सोशल मीडिया पर ड़ाल कर अन्य जन प्रतिनिधियों को भी इस मुहीम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है. अपने विधान सभा क्षेत्र में लोगों को राहत सामग्री, सेनीटाइजर, मास्क, साबुन, सेनिटरी पैड, पका हुआ पैकेट भोजन इत्यादि का वितरण किया है एवं इसका रोजाना अपडेट सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है. समय समय पर जिला अस्पताल एवं आइसोलेशन सेंटर का भ्रमण कर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन को यथोचित निर्देश भी दिया जा रहा है एवं इसकी सूचना भी सोशल मीडिया के माध्यम से दी जा रही है.
कहते हैं जहाँ चाह है, वहीँ राह है; जब पूरे देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लोक डाउन का पालन किया जा रहा है, शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए कहा जा रहा है, इस विकट घडी में लोगों से व्यक्तिगत जुडाव कायम करने में आम जनता से लेकर सरकारी पदाधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है उसी समय सोशल मीडिया का प्रभावी प्रयोग माननीय पूर्व विधायक को अपने क्षेत्र के लोगों के साथ जुडाव कायम करने में मदद कर रहा है एवं स्थानीय लोगों के लिए भी यह सोशल मीडिया द्वारा यह प्रयास किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है.

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