50 प्रतिशत युवाओ मे कान की समस्या का कारण ईयर फ़ोन का अत्यधिक प्रयोग
शिवसागर
आजकल युवा पीढ़ी ईयर फ़ोन का खूब इस्तेमाल कर रही है ।शहर ही नहीं देहातो मे भी इसका प्रचलन खूब बढ़ गया है ।ईयर फ़ोन लगाना और तेज आवाज मे गाना सुनना नुकसान दायक है। ईयर फ़ोन के लगातार प्रयोग से सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसीबल तक कम हो जाती है। कान का पर्दा वाइब्रेट होने लगता है ।दूर की आवाज सुनने मे परेशानी होने लगती है ।यहाँ तक की इससे बहरापन भी हो सकता है ।अत्यधिक प्रयोग से कान मे दर्द, सिर दर्द या नींद ना आने जैसी सामान्य समस्याएं हो सकती है ।कुछ देर ब्रेक लेकर ही ईयर फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए। अच्छी क्वालिटी के ही ईयर फ़ोन या हेड फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिये ।कान 65 डेसीबल को ही सहन कर सकता है लेकिन ईयर फ़ोन पर अगर 90 डेसीबल की ध्वनि 40 घंटे से ज्यादा सुनी जाये तो कान की नशे पूरी तरह डेड हो जाती है ।डॉक्टरो का भी मानना है कि ईयर फ़ोन के ज्यादा इस्तेमाल से कान मे छन छन की आवाज आना ,चक्कर आना ,संसनाहट,नींद ना आना ,,सिर और कान मे दर्द की समस्या हो सकती है ।तेज आवाज मे संगीत सुनने से ह्रदय रोग और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ बीमारिया भी बढ़ने लगती है। आज लगभग 50 प्रतिशत युवाओं मे कान की समस्या का कारण ईयर फ़ोन का अत्यधिक प्रयोग है ईयर फ़ोन के इस्तेमाल से सडक दुर्घटनाये बढ़ रही हैँ ।