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सीयूएसबी में ‘अभिव्यक्ति रचनात्मक लेखन’ कार्यशाला का सफल समापन

टिकारी/गया

टिकारी से ओमप्रकाश की रिपोर्ट

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में गुरूवार को ‘अभिव्यक्ति रचनात्मक लेखन’ कार्यशाला का सफल समापन हो गया। सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो० मुदस्सीर आलम ने बताया कि तीन – दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विवि के हेरिटेज क्लब के तत्वाधान में आयोजित की गई थी। कार्यशाला की शुरूआत मंगलवार को हुई थी जिसमें दामूल और मृत्युदंड जैसी अवॉर्ड विनिंग फिल्मों को लिखने वाले विख्यात लेखक शैवाल जी ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया था और लेखन से सम्बंधित कई पहलुओं को समझाया था | रचनात्मक लेखन कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों को रचनात्मक लेखन के बारीकियों के बारे में बताया गया । कार्यशाला के दौरान रचनात्मक लेखन कला के द्वारा साहित्य या सिनेमा में उसके महत्व के साथ ही उसके लिखने की बारीकियों को बताया। इसमें बताया गया कि साहित्य या सिनेमा में कहानी को शब्दों के माध्यम से कैसे चित्रत किया जा सकता है। अपनी लेखन कला को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए किन बारीकियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस दौरान प्रतिभागियों के द्वारा विभिन्न समाजिक परीवेश, ग्रामीण जीवन, विद्यार्थियों जीवन के संघर्ष के साथ अलग अलग विषयों पर लिखी गई रचनाओं को भी सुना गया । इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 50 से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला के समापन समारोह में प्रॉक्टर प्रोफेसर कौशल किशोर के साथ हेरिटेज क्लब के सदस्य डा. अमृता श्रीवास्तव, डा. रवि सूर्यवंशी, डॉ अनुज लुगुन और डॉ अपर्णा झा मौजूद थे | अपने संबोधन में प्रोफेसर किशोर ने कहा कि आज के युवा रचनात्मक लेखन तो दूर लिखने से बचना चाहते हैं। रचनात्मक लेखन से पहले लिखने की आदत डालना जरूरी है। लेखन कला का होना हम सभी में काफी आवश्यक है। हम अपने मन कि अभिव्यक्ति को शब्दों का रूप दे सकें। जिससे कि हम अपने विचारों को शब्दों के माध्यम से दूसरों तक पहुँचा सकें। हमारे लेखन कला में रचनात्मकता का होना जरूरी है जिससे कि पाठक की जिग्यासा बनी रहे। अंत में उन्होंने कार्यशाला में हिस्सा ले रहे सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिये।
कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों सहीत कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हेरिटेज कल्ब कि सदस्य डॉ. अमृता श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने ने कहा कि विद्यार्थियों के कार्यशाला में रूची को देखते हुए आगे भी हम ऐसी कार्यशालाओं के आयोजन पर विचार कर रहे हैं। ज्ञात हो कि हेरिटेज कल्ब के ओर से पिछले माह भी दो कार्यशालाओं थियेटर और चित्रकला पर आयोजित किया जा चुका है।

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