प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
सीट बंटवारे में रालोजपा को सीट नहीं मिलने से समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक समीकरण बदलता जा रहा है। मौजूदा सांसद प्रिंस राज के खेमे में शांति है।भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा शुरू हो गई है लेकिन कोई भी सीधे तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। कार्यकर्ता उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।रालोजपा कार्यकर्ता सांसद के अगले कदम के साथ-साथ पार्टी के भविष्य को लेकर भी असमंजस में हैं।रामचंद्र पासवान ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव एलजेपी उम्मीदवार के तौर पर समस्तीपुर से जीता था।उन्होंने एनडीए गठबंधन के तहत हुए चुनाव में दो बार महागठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था।प्रिंसराज कांग्रेस उम्मीदवार की मौत के बाद हुए उपचुनाव में हारकर संसद पहुंचे थे।बाद में एलजेपी में विभाजन के बाद वह अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ चले गये।पारस ने उन्हें रालोजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में रालोजपा को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिली है।लोग कह रहे हैं कि एनडीए से अलग होकर चुनाव में जाना ही पार्टी की असली परीक्षा होगी। बिहार में एनडीए घटक दलों के बीच सीटों के ऐलान के बाद रालोजपा नेता नये राजनीतिक समीकरण की तलाश में जुट गये हैं।अगले 24 से 48 घंटों में घोषणा होने की उम्मीद है. कार्यकर्ता असमंजस में हैं।कई नेताओं ने प्रिंसराज से अपने अगले कदम का इंतजार करने को कहा है।अभी तक पार्टी पदाधिकारियों ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।