प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
पन्ना, पवई :शासकीय माध्यमिक शाला नारायणपुरा में पदस्थ शिक्षक सतानंद पाठक
का ऐसा जुनून की अवकाश के दिन भी आराम नहीं किया । ये सिलसिला विगत 10 सालों से चल रहा है । बच्चों को विज्ञान का ज्ञान देने अपने स्कूल तथा आसपास के 30किमी परिधि के ग्रामों तक सफर कर अपने खर्च पर जागरूकता गतिविधियां करते हैं। वैज्ञानिक ज्ञान देना ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है।
समाज में आज जिस तरह से अंधविश्वास फैला हुआ है, लोग बिना जाने समझे किसी भी चीज पर विश्वास कर बैठते हैं। कई बार उनका यह भरोसा दुख और परेशानी का सबब बन जाता है। ऐसे में लोग कैसे अंधविश्वास से मुक्त हों, उनके भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण कैसे विकसित हो, इस बात को ध्यान में रखते हुये इन अंधविश्वास को वैज्ञानिक ढंग से मिटाने में जुटे हैं ।
विगत एक दशक से बच्चों में वैज्ञानिक जागरूकता बढ़ाने के लिये अभियान चला रहे है। सतानंद पाठक ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के बीच एक समर्पित मेंटर के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे प्रत्येक प्राकृतिक एवं खगोलीय घटनाओं के पीछे चली आ रही मान्यताओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्यों का स्पष्टीकरण करने का प्रयास करते आ रहे हैं।
सतानंद आसपास के ग्रामों में विज्ञान प्रयोगों को बच्चों से करवा कर विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने का प्रयास करते हैं। इन बस्तियों एवं गांवों में सतानंद पाठक विज्ञान मित्र नाम से जानते हैं।
सतानंद पाठक ने छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने अभियान शुरू किया है। नेचर वॉक, , जल संरक्षण, ओजोन परत संरक्षण, जैवविविधता संरक्षण आदि विषयों पर अनेक गतिविधियां की जा रही हैं। सतानंद ने ग्रीष्म अवकाश में अनेक जागरूकता गतिविधियां की।
सतानंद शिक्षकों एवं बच्चों में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिये व्यक्गित संसाधन, ऊर्जा एवं विचारों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। सतानंद का मानना है कि कोई भी मान्यता तब सुखकारी हो सकती है जब वह विज्ञान की कसौटी पर सही साबित हो। शिक्षक सतानंद पाठक को वर्ष 2019 में महामहिम राज्यपाल महोदय जी, मध्यप्रदेश शासन से राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है ।