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बिहार केसरी स्व0 डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

 

पटना :- बिहार केसरी स्व० डॉ० श्रीकृष्ण सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन पटना में मुख्य सचिवालय के प्रांगण में स्थित डॉ० श्रीकृष्ण सिंह जी की प्रतिमा स्थल के निकट की गई। इस अवसर पर राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री महेश्वर हजारी, विधान पार्षद श्रीमती कुमुद वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव श्री अरविन्द कुमार, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री शिवशंकर निषाद सहित अन्य सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बिहार केसरी स्व० डॉ० श्रीकृष्ण सिंह की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि

कर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन-कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। भाजपा नेताओं से दोस्ती वाले बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कुछ बोलते हैं तो आपलोग ध्यान से नहीं सुनते हैं। मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के संबंध में हम बता रहे थे। उस समय की केंद्र सरकार से हमने केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के संबंध में कहा था। चंपारण क्षेत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से संबंधित है इसलिए हमने कहा था कि यहीं पर केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाए। पहले तो आश्वासन मिला लेकिन कुछ वर्ष बीत जाने के बाद कहा गया कि वहां निर्माण नहीं किया जा सकता है और उनलोगों ने गया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनवाने का प्रस्ताव दिया। हमने गया जैसे पौराणिक स्थल पर बनाने की बात को भी स्वीकार कर लिया, उसके अलावे हमने कहा कि गया के अलावे मोतिहारी में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। मोतिहारी में कार्यक्रम में सारे दलों के लोग बैठे हुए थे तो हमने अपनी बातों को रखा। वर्ष 2005 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने चंपारण से ही कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इन्हीं सब बातों की हम चर्चा कर रहे थे और उनलोगों से कह रहे थे कि आप सभी लोग इसे याद रखिएगा न? तो सभी ने ताली बजाकर कहा हां हम याद रखेंगे। बस इतनी सी ही बात है। हमने कहीं ऐसी बात नहीं की है कि हम आपके साथ हैं। जो लोग केवल केंद्र की बात करते रहते हैं उन्हें हम अलर्ट करते रहते हैं कि जो काम बिहार सरकार के द्वारा राज्य में किया गया कार्य को जरुर याद रखिएगा। हम जो बोलते हैं उसको लोग मीडिया में जगह नहीं देते हैं। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरा जो उस दिन भाषण हुआ है उसको भी रिलीज कर दीजिए । आज हम जो भी काम किए हैं किसी के कहने पर नहीं किए हैं, यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा थी और वे लोग सहयोग में थे।
भाजपा नेता श्री सुशील कुमार मोदी के बयान से संबंधित पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सुशील कुमार मोदी जी पहले क्या थे? श्री लालू प्रसाद यादव जी पटना यूनिवर्सिटी के चेयरमैन थे और उनको जेनरल सेक्रेटरी बनाए। उस वक्त हम इंजीनियरिंग कॉलज में पढ़ते थे। उस समय हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज का पांच सौ वोट था। उसमें से हमलोगों ने 400 वोट इन्हीं लोगों को दिलवाए थे, तब लोग जीतकर आए। जब हमलोग साथ में थे तब सब काम उनको ठीक लग रहा था। मुझे तकलीफ हुयी थी जब उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया। आजकल वे रोज कुछ कुछ बोलते रहते हैं, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। हम तो सिर्फ याद कराते हैं कि पहले से कितना काम बिहार के हित में किया गया, इन सब बातों को आपलोग भी याद रखिए। हमने कभी पार्टी के बारे में नहीं बोला है, हम तो बस इतना ही बोल रहे थे कि बिहार के हित में कितना अच्छा काम हो रहा है। हमने बताया था कि वर्ष 1917 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी चंपारण आए थे और उनके नेतृत्व में यहीं से आंदोलन शुरू हुआ था। महात्मा गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह के 30 साल बाद देश आजाद हुआ था। जब वर्ष 2017 में उनके आगमन के 100 साल पूरे हुए तो हमलोगों ने कई कार्य किए। मेरे इस व्यक्तव्य को आपलोगों ने कहीं जगह नहीं दिया।

आप इतना विकास कर रहे हैं बावजूद इसके विपक्ष आप पर लगातार हमलावर क्यों है, इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसको जो कुछ कहना है कहे। हमको इससे कोई लेना देना नहीं है। हमलोग दिन रात काम करते हैं। कहीं किसी प्रकार की कोई आवश्यकता होती है उसके लिए हमलोग बैठक करते हैं। हमने ही दफ्तर आने का समय 9.30 निर्धारित किया था, वर्ष 2013 तक मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हम हमेशा आते थे। हम फिर अब यहां 9.30 बजे रेगुलर आने लगे हैं। अब मंत्री से लेकर सभी लोग समय पर आने लगे हैं। हम सिर्फ काम करते हैं। हमारी बस एक दिलचस्पी है कि बिहार के हित में काम करना और देश के पक्ष में जो भी हो सके अपनी बात को रखते हैं।

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