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बिक्रमगंजबिहाररोहतास

अंजबीत सिंह महाविद्यालय में 5 वें दिन भी धरना पर बैठे रहे शिक्षकेत्तर कर्मचारी

रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह

बिक्रमगंज/रोहतास। अंजबीत सिंह महाविद्यालय बिक्रमगंज के शिक्षकेत्तर कर्मचारी 9 अक्टूबर से ही धरना पर बैठ रहे । ज्ञातव्य है कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा प्रक्षेत्र कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर सभी कॉलेज के कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में विश्विद्यालय मुख्यालय और अपने अपने महाविद्यालय में धरना का कार्यक्रम रखे हैं । जो 14 अक्टूबर तक निर्धारित किया गया है । कॉलेज कर्मचारी संघ के सचिव अक्षय कुमार प्यारे ने बताया कि हमारी कई मांगें बार- बार आश्वासन और लिखित समझौते के बाद भी अब तक पूरी नहीं की जा सकीं हैं । बार-बार लिखित रूप में मांग की गई कि हमारी समस्याओं का समाधान किया जाए । 2006 के बाद कर्मियों को प्रोन्नति का लाभ नहीं मिला है । 2016 के बाद अब तक कई कर्मी वेतन उन्नयन योजना के लाभ से वंचित हैं । कई कर्मियों की अब तक सेवा संपुष्टि नहीं की गई जबकि वे सेवा निवृत होने के कगार पर हैं । बल्कि कई सेवा निवृत हो भी गए हैं लेकिन सेवा संपुष्टि के अभाव में पेंशन के लाभ से वंचित हैं । उच्च न्यायालय पटना के निर्णय के आलोक में कई कर्मी पुनः बहाल किए गए । मगर 6-7 माह बीत जाने के बाद भी उन्हें अब वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है । यही हाल अनुकंपा पर नियुक्त कर्मियों का भी है । उन्हें 6 माह से वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है । सातवें वेतन का वेतन अन्तर की राशि का भुगतान अब तक कई कर्मी इस वजह से प्राप्त नहीं कर पाए हैं क्योंकि उनका वेतन सत्यापन कोषांग ने अब तक नहीं किया है । इसके लिए कर्मी दोषी नहीं हैं । सत्यापन का काम कोषांग का है । प्रस्ताव भी कई साल पहले ही भेजा गया है । लेकिन वहां भी मनमानी की जा रही है । वेतन भुगतान भी सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के कारण समय पर नहीं मिल पाता है । आश्चर्यजनक बात है कि जो काम विश्वविद्यालय में नहीं हो पाता और कर्मी कोर्ट में चले जाते हैं और दो तीन साल में फैसला आता है तो विश्वविद्यालय उसे तुरंत करने के लिए तत्पर हो जाता है । लेकिन तब तक कर्मी का पैसा और समय दोनों बर्बाद हो जाता है । विश्विद्यालय में कार्यरत कर्मी भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हैं । जो उन्हें खुश करते हैं उनका काम जल्दी हो जाता है । इसके लिए वहां के अधिकारी भी उनका साथ देते हैं । इधर एक नया फरमान जारी किया गया है कि जिन कर्मियों का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है उनको 25 प्रतिशत वेतन काटकर भुगतान किया जाएगा जबकि सत्यापन के लिए वे दोषी भी नहीं हैं । दो साल तीन साल पर अनुकंपा समिति बैठक होती है और तब नियुक्ति की जाती है । इसके बाद उन्हें वेतन के लिए भी इंतजार करना पड़ता है । महंगाई भता वृद्धि का लाभ भी कॉलेज कर्मचारी को एक साल बाद ही दी जाती है । ऐसे कई मांगें हैं जिनके लिए कर्मी थक हारकर धरना प्रदर्शन या फिर हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हो जाते हैं । 14 अक्टूबर को धरना की अंतिम तिथि है । इसके बाद भी अगर कोई सम्मानजनक रास्ता नहीं निकालता है तो अनिश्चितता कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया जाएगा । जिसके लिए विश्विद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार की जिम्मेवारी होगी । धरना कार्यक्रम में अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, मदन प्रसाद वैश्य, सत्येंद्र पांडेय, हरेंद्र सिंह, मनोज कुमार, विनोद कुमार, सतेश्वर राम, आरजु खान,धर्मशीला देवी, अजय कुमार गुप्ता, कुमार दिनेश सहित अन्य सभी कर्मी रोज शामिल हो रहे । परीक्षा बाधित नहीं है लेकिन विद्यार्थियों का रोजमर्रा का काम बिल्कुल ठप है ।

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