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कोर्ट से तथ्य छुपाकर अतिक्रमणवाद के फैसले से दलित/गरीब/भूमिहीन के घर पर बुलडोजर चलाना अन्याय-माले

*नया खतियान, अद्यतन रसीद, रिकार्ड आनलाईन आदि कागज़ात रहने के बाबजूद बंगरा में 5 दलित परिवारों के घर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया*

*कागजात के ब बाबजूद मकान तोड़ने से गलत परम्परा की शुरुआत, दलित- गरीब को ईकट्ठा कर संघर्ष करेगी माले- सुरेन्द्र*

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार

समस्तीपुर कोर्ट से तथ्य छुपाकर अतिक्रमणवाद के फैसले से दलित- गरीबों का मकान प्रशासन द्वारा तोड़ा जाना नाइंसाफी है और न्याय के लिए भाकपा माले दलित- गरीबों को ईकट्ठा कर संघर्ष शुरू करेगी।
मामला प्रखण्ड क्षेत्र के मुरादपुर बंगरा पंचायत के डीह सरसौना का है जहाँ शुक्रवार को स्व० जनक दास के पुत्र राजकुमार दास एवं शिव कुमार दास, रामचंद्र दास के पुत्र मनोज दास समेत 5 परिवारों के पुस्तैनी मकान को अंचलाधिकारी, तैनात मजिस्ट्रेट एवं भारी संख्या में उपस्थित पुलिस बल की मौजूदगी में तोड़ दिया गया। मकान तोड़े जाने से घर में रखे सामान एवं खाद्य पदार्थ बर्बाद हो गया। दलितों को खाने के लाले पड़ गये। वर्षात में कहाँ रहने, क्या खाने की समस्या उजड़े परिवारों को सताने लगी है।
पीड़ित परिवारों के आग्रह पर भाकपा माले की टीम प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, खेग्रामस प्रखण्ड अध्यक्ष प्रभात रंजन गुप्ता एवं उपेंद्र सिंह के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिजनों से बातचीत समेत जमीन के कागजात की तहकीकात की। अमीन एवं वकील से भी सलाह लिया गया। अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत भी कराया गया।
मौके पर भाकपा माले के सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पीड़ित के परिजन इस जमीन पर पुस्तैनी बसे हुए हैं। जमीन पुराना नक्शा में 588 खेसरा के तहत दर्ज है। बाद में इसे नया खेसरा 690 बना दिया गया है। नया सर्वे खतियान में भी जमीन दर्ज है। जमीन का अद्यतन रसीद है। आनलाईन भी जमीन दर्ज है। उन्होंने कहा कि इतना कागजात उपलब्ध रहने के बाबजूद अतिक्रमणवाद चलाकर मकान कैसे तोड़ा जा सकता है। उन्होंने पीड़ित शिवकुमार के हवाले से बताया कि सभी कागजात सीओ को दिखाने गये थे लेकिन वे देखने से इनकार कर गये। माले नेता ने कहा कि सीओ जानबूझकर तथ्य को अदालत के सामने प्रस्तुत नहीं किया और न ही कागजात प्रस्तुत कर जिलाधिकारी से मार्गदर्शन मांगा और न ही वाद चलाकर खतियान, रसीद, खेसरा आदि रद किय और इसका खामियाजा पुस्तैनी बसे दलित परिवार को भुगतान पड़ा। उन्होंने कहा कि कागजात रहने के बाबजूद दलितों के मकान तोड़े जाने से अंचल में नई परम्परा की शुरुआत हुई है जो अनुचित है। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर तथ्य छुपाने वाले संबंधित अधिकारियों को दंडित करने, पीड़ित परिवार को खाद्य सामग्री, नगद राशि
, आवास योजना का लाभ देने की मांग की है अन्यथा भाकपा माले दलितों- भूमिहीनों को ईकट्ठा कर वास भूमि, पर्चा, आवास को लेकर संघर्ष का रुख अख्तियार करेगी।

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