करगहर रोहतास
बकरीद त्योहार के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण हेतु जिलाधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय को स्थानीय प्रशासन कार्यान्वित करने में विफल साबित हो रहा हैं । जिसे लेकर शांति समिति के सदस्य स्थानीय प्रशासन के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर कर दिया हैं । विगत सप्ताह जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में अधिकारियों की हुई बैठक में लिए गए निर्णय स्थानीय अधिकारी कार्यान्वित करने में असहज महसूस कर रहे हैं ।
इसका खुलासा तब हुआ जब बकरीद पर्व के पूर्व जिला पदाधिकारी द्वारा आगामी त्योहारों के मद्देनजर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुज्ञप्ति धारियों के शस्त्रों का शत प्रतिशत सत्यापन करने तथा शस्त्र धारियों को इसकी सूचना विभिन्न माध्यमों से देने का निर्देश दिया गया था । आदेश की प्रति सभी थानों को भेजी गई । इसके बावजूद भी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए करगहर पुलिस प्रशासन द्वारा शस्त्रों का सत्यापन नहीं किया गया । जिसे लेकर शांति समिति के सदस्यों में काफी नाराजगी है । जिलाधिकारी ने अनुमंडल व पुलिस पदाधिकारियों को विगत त्योहारों में उत्पन्न हुई समस्याओं की पुनरावृतियों को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थलों पर निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया है ।
शांति समिति के कई सदस्यों ने बताया कि थाना परिसर में मंगलवार को समिति की बैठक आयोजित की गई थी लेकिन क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों को बैठक में नहीं बुलाया गया था । उन्होंने बताया कि मात्र चार पांच लोगों से बातचीत कर बैठक का कोरम पूरा कर लिया गया । थाना का क्षेत्रफल काफी अधिक होने के कारण स्थानीय व सीमावर्ती इलाकों के प्रभावशाली लोगों सूचना नहीं दी जाती । उन्होंने बताया कि प्रत्येक चिन्हित जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाती है लेकिन उक्त स्थानों पर नहीं मजिस्ट्रेट पहुंचते हैं और ना ही पुलिस बल । ऐसी परिस्थिति में प्रशासन की गैरमौजूदगी में असामाजिक तत्वों द्वारा किसी घटना को अंजाम देने से इनकार नहीं किया जा सकता । उन्होंने स्थानीय प्रशासन के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए जिलाधिकारी व एसपी से इस मामले की गंभीरता से जांच कर करवाई करने की मांग की है ।