करगहर रोहतास
प्रखण्ड क्षेत्र के कुम्हिला गांव में पोखरा से मछली मारने के लिए पानी निकासी को लेकर गांव के दो पक्षों में तनाव उत्पन्न हो गया है ग्रामीणों ने बताया कि एक ओर सरकार जल जीवन हरियाली योजना के तहत जलाशयों का अतिक्रमण व जीर्णोद्धार करा रही है वहीं ओर दूसरी मत्स्य जीवी सहयोग समिति को मछली मारने के लिए पोखरा नीलाम कर रही है । उन्होंने बताया कि लघु जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2022 में कुम्हिला गांव के बधार में स्थित 18 एकड़ भूमि में प्राचीन पोखरा का जीर्णोद्धार किया गया । जिसके निर्माण कार्य पर एक करोड़ 34 लाख 27 हजार रुपए की राशि खर्च की गई । उन्होंने बताया कि जीर्णोद्धार के दौरान कार्य निर्माण एजेंसी लघु सिंचाई प्रमंडल सासाराम द्वारा पोखरे के चारों ओर लगे सैकड़ों की संख्या में पुराने वृक्षों की कटाई कर जीर्णोद्धार शुरू किया गया । प्राक्कलन के मुताबिक पोखरा के तीन तरफ घाटों का निर्माण, ग्रामीणों के बैठने के लिए शेड व टहलने के लिए चारों तरफ फेवर ब्लॉक बिछाकर रास्ता निर्माण तथा जल जीवन हरियाली के तहत पौधारोपण करने की योजना थी । लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा पोखरा के एक तटबंध पर घाट का निर्माण किया गया और बाकी कार्यों को छोड़ योजना की राशि निकासी कर ली गई । पोखरा के दक्षिण छोर पर प्राचीन शिव मंदिर स्थित है । जिससे ग्रामीणों का आस्था जुड़ा हुआ है । मंदिर के समीप मछली मारने के लिए पानी निकासी करने को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित है ।
वहीं दूसरी ओर मछली मारने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने मत्स्य जीवी सहयोग समिति से पोखरा की नीलम ली है । इसलिए पोखरा से मछली निकालने का उन्हें पूरा हक है ।
इस संबंध में अंचलाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पोखरा से मछली मारने के लिए पानी की निकासी नहीं की जा सकती । इस मामले की जांच की जा रही है । दोनों पक्षों को बुलाया गया है । जांच कर कार्रवाई की जाएगी ।