प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
रामेश्वर जूट मिल मुक्तापुर में बुधवार से एक स्विफ्ट में उत्पादन शुरू, प्रबंधन के मजदूरों की तीन बिंदुओं पर मंगलवार की वार्ता के बाद 51 दिनों से चल रही हड़ताल समाप्त, 1932 में रामेश्वर जूट मिल मुक्तापुर दरभंगा महाराज के द्वारा स्थापित कर 5000 मजदूरों को रोजगार के अवसर दिए इससे उस समय 50 हजार आबादी श्रमिक के परिवार का भरण पोषण होता था। उत्तर बिहार का बोरा उत्पादन का सबसे बड़ा कारखाना जहां शुरुआती दौर में 80 टन उत्पादन होती थी उसका ह्रास होता गया। उत्पादित बोरे पंजाब हरियाणा बिहार झारखंड मध्य प्रदेश यूपी पंजाब महाराष्ट्र जाया करती है। 170 लूम में बुधवार को 107 लूम मजदूर के अभाव में चली निदेशक सरवन कुमार पाठक के अनुसार बुधवार को एक स्विफ्ट ही नील चलाई गई उत्पादन क्षमता 7 से 8 टन रही मजदूरों की संख्या 490 थी। श्री पाठक ने बताया कि वर्तमान समय में मिल आर्थिक संकट से गुजर रहा है बिहार सरकार को मजदूरों के हित में आर्थिक मदद करनी चाहिए विद्युत व्यवस्था लचर है लगभग ₹7500000 विद्युत के बकाए हैं 51 दिन मिल बंद रही विद्युत को लेकर एक बड़ी समस्या मिल के समक्ष उत्पन्न हो गई है श्रमिकों का पलायन प्रायः मिल बंद होने से हो गई है वित्तीय संकट में बिहार सरकार को मजदूर हित में अनुदान देनी चाहिए जिससे मजदूरों का पलायन बंद हो। कल्याणपुर क्षेत्र ही नहीं कई जिले के मजदूर का भरण पोषण मिल से चल रहा है जहां तक पीएफ ऑनलाइन इंश्योरेंस बकाए डीए का भुगतान समझौता के अनुसार करना है मजदूरों का आक्रोश इन तीन बिंदुओं पर ही था जिसको लेकर उत्पादन 51 दिन ठप रहा। विद्युत को लेकर विभागीय आला अधिकारी से मैं खुद जाकर वार्ता करते हुए विपत्र में अनुदान की मांग जताया हूं बिहार सरकार के उद्योग विभाग मुख्यमंत्री का मजदूर हित में ध्यान आकृष्ट कराने जा रहा हूं जिससे सुचारू ढंग से मील का उत्पादन हो मजदूरों को कार्य मिले। पूरी संख्या में मजदूर के पहुंचते ही तीन शिफ्ट में मिल चलाई जाएगी।