प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा कल्याणपुर चौक स्थित हनुमान मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी एवं राजयोग मेडिटेशन शिविर के तीसरे एवं अंतिम दिन भी लोगों की भीड़ उमड़ती रही। बुधवार से शुरू हुए सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर में हिस्सा लेने हेतु तीन दिनों में सैकड़ों भाई-बहनों ने निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करवाया।
वही शिविर के प्रथम दिवस पर आत्मचिंतन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए समस्तीपुर से पधारी बीके सविता बहन ने कहा कि आत्म-चिंतन से ही आत्म-दर्शन होता है। जिस स्वदर्शन या सुदर्शन की बात शास्त्रों में कही गई है इसी आत्म-दर्शन के बारे में कही गई है। जब हम अपनी मन और बुद्धि को अंतर्मुखी कर स्वयं को आत्मा निश्चय करते हैं तो हम स्वयं के मूल गुणों- शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति का अनुभव करने लग जाते हैं। इस अनुभूति के आधार से हमारे जीवन से दुर्गुणों का धीरे-धीरे सफाया होने लगता है। हम स्वयं को हल्का और निश्चिंत अनुभव करने लग जाते हैं। इस समस्याओं की दुनिया में रहते हुए हमारा जीवन ऐसा हो जाता है जैसे- कमल-पुष्प कीचड़ में रहते हुए कीचड़ के प्रभाव से न्यारा और सबका प्यारा रहता है। हमारा जीवन खुशियों से भरपूर बनता जाता है जिसका सकारात्मक प्रभाव हमारे व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक एवं व्यवसायिक जीवन पर स्पष्ट पड़ता हुआ नजर आता है। उन्होंने सभी प्रखंडवासियों से इस श्रेष्ठ ज्ञान से लाभान्वित होने का आह्वान किया।