प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
पन्ना, पवई:-शासकीय माध्यमिक शाला नारायणपुरा में शिक्षक सतानंद पाठक ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए कहा कि
आप सभी को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा का संरक्षण परम आवश्यक है। हमारी आने वाली पीढ़ियों को बेहतर एवं स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो, इसके लिए आज से ही प्रयास करना होगा।
इस पावन अवसर के दिन हम सब संकल्प लें कि ऊर्जा साक्षरता अभियान को सफल बनाकर श्रेष्ठ भविष्य के ध्येय की प्राप्ति में योगदान देंगे। और, प्रण करें कि ऊर्जा को तनिक भी व्यर्थ नहीं होने देंगे।’
क्योंकि ‘ऊर्जा की बचत ही, ऊर्जा का निर्माण है।
आइए, हम प्रण करे कि दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ऊर्जा की अनावश्यक खपत रोकने, ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण तथा लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक करने का संकल्प लें और आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य की सौगात प्रदान करें।’
जी दरअसल भारत में ‘ऊर्जा संरक्षण अधिनियम’ वर्ष 2001 में ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ (बीईई) द्वारा स्थापित किया गया था। वहीं ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत सरकार के अंतर्गत आता है और ऊर्जा का उपयोग कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में मदद करता है। आपको बता दें कि भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य पेशेवर, योग्य और ऊर्जावान प्रबंधकों के साथ ही लेखा परीक्षकों को नियुक्त करना है, जो ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को लागू करने और ऊर्जा, परियोजनाओं, नीति विश्लेषण, वित्त प्रबंधन में विशेषज्ञ हों। आज के कार्यक्रम में श्रीमती माया खरे प्रधानाध्यापक एवं श्रीमती गायत्री शर्मा शिक्षिका एवं छात्र, छात्राएं मौजूद रहे!