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भाकपा माले के आंदोलन को कुचलने के लिए उजियारपुर थाना अध्यक्ष और दलसिंहसराय एसडीपीओ ने थाना घेराव के दौरान शराब माफिया को बुला रखा था

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार

*स्वाति के साथ गैंगरेप और हत्या कर फांसी पर लटका देने की घटना को दबाने के खिलाफ भाकपा माले के आंदोलन को कुचलने के लिए उजियारपुर थाना अध्यक्ष और दलसिंहसराय एसडीपीओ ने थाना घेराव के दौरान जिला के अपराधी, शराब के धंधेबाजों और पुलिस का गठजोड़ बनाया।*

समस्तीपुर जिला के उजियारपुर प्रखंड के सातनपुर पंचायत में 23 सितंबर 022 को रात्रि में स्वाति के साथ गैंगरेप और हत्या कर फांसी से लटका देने की निर्मम अपराध के खिलाफ भाकपा-माले के टीम 27 सितंबर 022 को जांच के लिए घटना स्थल पर पहुंचा जिसमें जिला स्थायी कमेटी सदस्य फूलबाबू सिंह, महावीर पोद्दार, प्रखंड सचिव गंगा प्रसाद पासवान, प्रखंड कमेटी सदस्य रामबली सिंह, राजकुमार चौरसिया , पप्पू कुमार यादव, फिरोजा बेगम ,मो० कमालउद्दीन ने पीड़ित परिवार व ग्रामीणों से मुलाक़ात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी लिया। एक दिन पहले प्रखंड सचिव गंगा प्रसाद पासवान के नेतृत्व में छात्र-युवा की जांच टीम भी मामले की जानकारी के लिए घटना स्थल पर गई थी। जांच- पड़ताल से स्पष्ट पता चला है कि श्वाति की मां फूलपरी देवी 23 सितंबर को अपनी बीमार मां को देखने शाम को ही मैके चली गई थी। स्वाति के पिता बिनोद दास अपने बड़ी बेटी के शादी में हुए कर्ज को चुकाने के लिए दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी में काम करने गए हुए थे। स्वाति उस रात अपने नौ वर्षीय छोटे भाई के साथ घर में अकेली थी। छोटा भाई दुसरे चौकी पर सोया हुआ था और स्वाति बगैर दरवाजे के दुसरे छोटे से कमरा में चौकी पर सोई हुई थी। स्वाति के शव देखने वाले ग्रामीणों का कहना है कि उसके साथ गैंगरेप और हत्या की घटना शव को देखते ही समझ में आ गया था । यह बात उपस्थित सभी ग्रामीणों और पीड़ित परिवार ने भी साफ-साफ कहा है। लेकिन, उजियारपुर थाना अध्यक्ष ने जघन्य अपराध पर पर्दा डालने एवं अभियुक्तों को बचाने की नियत से पूरे घटना में प्रेम प्रसंग की कहानी गढ़ कर समाज और वरीय पुलिस अधिकारी को गुमराह किया है। दरिंदों के हवस की शिकार स्वाति की मां फूलपरी देवी रात में अपने मैके में थी तो 24 सितंबर 022 को मोबाइल से देवर रंजीत दास द्वारा जानकारी मिली तो वह दौड़ती -भागती अपने घर आई । दरिंदों ने श्वाति को नंगा कर उसके जांघिया को उसके मुंह में ठूंस दिया था ताकि वह जान बचाने के लिए चिल्लाए भी न सके। उसकी मां फूलपरी देवी ने मुंह में ठुंसे जांघिया को अपने हाथ से बाहर निकालकर फेका है। उसके साथ गैंगरेप हुआ है यह बात शरीर में पहने कपड़ों पर स्पार्म और बेरहमी से मारपीट के साक्ष्य से भी समझा जा सकता है। पीड़ित लड़की के शव को देखने वाले ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उसके एक पैर पीछे की ओर घुटनों से नीचे मुड़ा हुआ था। जांच टीम को यह भी पता चला है कि स्वाति को जिस गमछा से लटकाया गया था वह गमछा भी अपराधियों के ही रहे होंगे। स्वाति का शव जब गमछा से लटक रहा था तो उसके पैर नीचे जमीन से सटा हुआ जिसे लोगों ने देखा है। स्वाति का छोटा भाई ने सबसे पहले करीब पांच बजे सुबह में अपने बहन को गमछा के फंदे से लटका देख कर सब्जी काटने वाली फांसूल से फंदा को काटकर नीचे गिरा दिया और चिल्लाते हुए अपने चाचा को बुला कर लाया था। एक बात गौर करने वाली यह भी है कि लोगों ने बताया कि उसके कान से खून निकल रहा था और कपड़े पर कीचड़ -मिट्टी लगा हुआ था।
स्वाति की मां फूलपरी देवी ने थाना के पुलिस को बताया कि गांव के ही अपराधी मो० इम्तियाज उर्फ रिंकू जो चौदह महीने बाद हत्या के एक मामले में जमानत लेकर बाहर आया है दो दिन पहले मुझे मोबाइल पर धमकी दिया था कि मेरे विरोध में बोलने से अपनी बेटी को रोक लो नहीं तो तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे और तुम्हारे सामने ही तुम्हारी बेटी का बलात्कार करेंगे। मोबाइल से धमकी देने के समय कान्फ्रेंसिंग पर रुमान अहमद सावरी भी धमकी दे रहा था जो कि बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का नेता है। स्वाति की मां करीब रात को नौ बजे मोबाइल पर लड़ते-बोलते मो० रिंकू के घर तक चली गई थी जहां रिंकू ने हंसी-मजाक की बात कहकर उसका मोबाइल लेकर अपना नम्बर डीलीट कर दिया था। दरअसल, मो० रिंकू को गांव टोला के दुसरे लड़की के साथ अवैध संबंध है इस बात की जानकारी स्वाति को थी मो० रिंकू स्वाति को भी गलत कामों के लिए दबाव बनाता था जिसे उसने इन्कार कर दिया था।
जांच टीम का मानना है कि उजियारपुर थाना अध्यक्ष अनिल कुमार यदि अपने कर्तव्य के प्रति इमानदार होते तो वरीय पुलिस अधिकारी को पूरी घटना की सच्चाई से अवगत कराते हुए फॉरेंसिक टीम एवं प्रशिक्षत डाग को मंगा कर तत्काल गैंगरेप और हत्या में संलग्न अपराधियों तक पहुंचा जा सकता था। शव को पोस्टमार्टम में भेजा गया है लेकिन बेसरा टेस्ट के लिए सेम्पल को भी रिज़र्व नहीं गया है। दरअसल, थानाध्यक्ष को मुख्य नामजद अभियुक्तों से पहले से हीं लगाव रहा है जिस कारण से गरीब की बेटी के साथ हुई दरिंदगी को ठंडे दिमाग से दबाने की नियत से साक्ष्य को मिटा दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि उस क्षेत्र में यह पांचवीं घटना है यदि भाकपा माले के लोग नहीं आते तो कोई चर्चा भी नहीं होने वाली थी।
उजियारपुर प्रखंड कमेटी ने उजियारपुर थाना अध्यक्ष को बर्खास्त करने, अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार करने और श्वाति गैंगरेप व हत्या के घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया। सबसे पहले 26 सितंबर को भाकपा माले के बैनर तले सातनपुर चौक पर घटना के विरोध में जूलूस निकाल कर विरोध सभा किया गया। उसी दिन शाम में स्थानीय युवाओं ने भी स्वाति के साथ गैंगरेप और हत्या मामले में कैंन्डिल मार्च निकालकर विरोध किया। 28 सितंबर को सातनपुर चौक पर पार्टी ने विरोध सभा कर थाना अध्यक्ष अनिल कुमार का पुतला जलाया और एक सप्ताह तक विभिन्न पंचायतों में पुतला जलाने, नुक्कड़ सभा करते हुए 9 अक्टूबर 022 को उजियारपुर थाना घेराव के लिए निर्णय लिया। जिसमें प्रमुख मांगे :- 1. स्वाति गैंगरेप और हत्या मामले को दबाने वाले उजियारपुर थाना अध्यक्ष को बर्खास्त किया जाए।
2. स्वाति गैंगरेप और हत्या मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
3. स्वाति गैंगरेप और हत्या मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक की जाए।
4.स्वाति गैंगरेप और हत्या मामले में मेडिकल टीम गठित कर शव को पुनः पोस्टमार्टम कराई जाए।
5.स्वाति के परिजनों को दस लाख रुपए सरकारी सहायता देने की गारंटी किया जाए।
6. उजियारपुर थाना अध्यक्ष के भ्रष्टाचार की ईडी से उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
7.स्वाति के परिजनों को धमकी देने वालों के खिलाफ कारवाई करते हुए सुरक्षा देने की गारंटी किया जाए और थाना क्षेत्र में बढ़ते लूट-अपराध पर रोक लगाने की मांग पत्र सभी अधिकारियों को भेजा गया।
इसी बीच, पप्पू यादव ने भी अपने टीम के साथ सातनपुर पंचायत में पीड़ित परिवार से मिलकर पच्चीस हजार रुपए सहयोग करते हुए एसपी एवं डीएम से मोबाइल पर बात करते हुए अपराधियों के विरुद्ध कारवाई करने की मांग किया। घटना के दस दिनों बाद क्षेत्रीय विधायक व राज्य सरकार में मंत्री आलोक कुमार मेहता भी घटना स्थल पर पहुंचे और बीस हजार रुपए सहयोग करते हुए गोल मटोल ब्यान बाजी कर राजधानी पटना लौट गए। अभियुक्त भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा का नेता है इसलिए स्थानीय सांसद नित्यानंद राय भी अभियुक्तों को बचाने में लगे हुए हैं दलसिंहसराय एसडीपीओ दिनेश कुमार पाण्डेय की भूमिका पूरे मामले को पर्दे के पिछे रहकर दबाने की रही है। इस बीच, पार्टी जिला सचिव उमेश कुमार,स्थायी कमेटी सदस्य फूलबाबू सिंह,जीवछ पासवान, अमित कुमार, ललन कुमार, महावीर पोद्दार,महेश कुमार सिंह, उपेन्द्र राय, फिरोज बेगम ने 8 अक्टूबर को उजियारपुर में पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सहानुभूति व्यक्त करते हुए एसडीपीओ द्वारा अखबार में प्रकाशित खबर को लोगों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास बताया। भाकपा माले द्वारा सात सूत्री मांगों को लेकर 9 अक्टूबर को उजियारपुर थाना घेराव में उजियारपुर थाना द्वारा जिला के अपराधियों, शराब के धंधेबाजों और पुलिस गठजोड़ का नंगा नाच कर लोगों को आतंकित करने का काम किया। उजियारपुर बाजार में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे को उजियारपुर थाना अध्यक्ष ने बंद करवा दिया। इस तरह, अपराधियों को मुंह ढकने के लिए काला गमछा और शराब के धंधेबाजों को मास्क के साथ सभी को शराब पीला कर हाथ में लाठी – बांस का फठ्ठा दिया गया था। थाना घेराव में पार्टी के जूलूस पर लंपट-अपराधियों की झुंड हमला करने को आतुर दिखाई दे रहा था। महिला पुलिस रहने के बाबजूद भी कॉ० मंजू प्रकाश के साथ पुरुष सिपाही एवं भाड़े पर बुलाया गया नकाबपोश ने बदसलूकी करने की कोशिश किया। प्रदर्शन और विरोध सभा के बाद जिला सचिव ने 17 अक्टूबर 022 को एसपी -डीएम के समक्ष प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

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