प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर में महात्मा फूले समता परिषद् समस्तीपुर के जिला अध्यक्ष अनंत कुशवाहा के अध्यक्षता में पुतला दहन का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम के दौरान अनंत कुशवाहा ने कहा कि भारत के स्वाभिमान गौरवशाली भारत के निर्माता चक्रवर्ती सम्राट अशोक के विरुद्ध अपमान जनक टिप्पणी को भारत की जनता कभी स्वीकार नहीं कर सकती। अपने पराक्रम और समाज सुधार के कार्यो से भारत को पुरी दुनिया में गौरव दिलाया। सम्राट अशोक ने दुनिया भर में शांति के संदेश फैलाया है। उनके उपर नाटककार दया प्रकाश सिन्हा ने अपनी रचनाओं में और इस संदर्भ में दिए गए। साक्षात्कार में उन महान शख्सियत के खिलाफ अभद्र और अपमान जनक टिप्पणी एवं उनके विरुद्ध आधार हीन तर्क बर्दाश्त यौग्य नहीं है। साथ ही इतिहास विरूद्ध बात लिख कर न सिर्फ बिहार के स्वाभिमान को ललकारा गया है। बल्कि भारत के अस्मिता पर भी हमला है। सम्राट अशोक का लाट(तीन सिंह) की मूर्ति आज भारत सरकार का राष्ट्रीय प्रतिक है। यही नहीं उनका चक्र भारत मॉ की तिरंगे की शान है। दया प्रकाश सिन्हा का यह कृत देशद्रोह की श्रेणी में आता है। अफसोस की बात है कि उसी पुस्तक के लेखक को साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्मश्री का सम्मान दिया गया है।
हम आज पुरजोर तरीके से यह मांग करते हैं कि:-
(01) दया प्रकाश सिन्हा को भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्मश्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित सभी पुरस्कार वापस लिए जाए।
(02) इस लेखक पर राष्ट्र के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए।
(03) उनके द्वारा लिखित सम्राट अशोक से संबंधित पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाए। महात्मा फूले समता परिषद् समस्तीपुर आज के कार्यक्रम के माध्यम से भारत के महामहिम राष्ट्रपति और सम्मानित प्रधानमंत्री से अपील करती हैं कि इस पर अविलंब कार्रवाई की जाए एवं केन्द्र सरकार की तरफ से इस संदर्भ में तत्काल कार्रवाई नहीं किए जाने पर महात्मा फूले समता परिषद् समस्तीपुर आगे भी इस सवाल पर अभियान चलाएगी।
पुतला दहन कर विरोध जताते हुए मांग करते हैं। महात्मा फूले समता परिषद् समस्तीपुर के सभी कार्यकर्ता व सम्राट अशोक के समर्थक सरकार से अविलंब कार्रवाई की जाए। कार्यक्रम में निम्नलोग शामिल हुए-रंजीत कुमार,मनोज कुमार,आदित्य कुमार ठाकुर,इन्द्रजीत कुमार,रामजतन सिंह,मंजय कुमार,रघुनाथ सिंह,मुकेश कुमार सिंह,मनोज मेहता, राजकिशोर कुशवाहा,देववरत कुशवाहा,इन्द्रजीत कुमार,राम नरेश सिंह,लालबाबू सिंह,पवन महतो,अरूण कुमार सिंह,अशोक राय,कृष्ण कुमार यादव,दिन बंधु कुमार, उपेन्द्र कुमार दास,रामनाथ राम,मुकेश कुमार,अनुपलाल सिंह इत्यादि सैकड़ों लोग शामिल थे।